रिपोर्टर : प्रियांशु सक्सेना
डोईवाला। सुसवा नदी में नवंबर माह से मार्च महीने तक विदेशी पक्षियों का आगमन होता है, जहां एक ओर विदेशी पक्षियों का संरक्षण करती सुसवा नदी अपने अस्तित्व को खोती जा रही है, वहीं सुसवा विदेशी पक्षियों के आगमन से गुलजार हुई।
सुसवा नदी में आई विकासनगर आसन वेराज के साथ हरिद्वार के गंगा नदी तक पक्षियों को संरक्षण देने की जरूरत है। पूर्व प्रधान उमेद बोरा ने कहा की साइबेरियन पक्षी रात्रि विश्राम के साथ चहलकदमी कर रही है, इनको अवैध शिकार होने का भी खतरा बना रहता है।
साथ ही विदेशी पक्षियों का आगमन से बर्ड फ्ल्यू का भी खतरा बना रहता है। हमारी मांग है की सुसवा नदी में झील बनाई जाए, जिससे क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और पशु पक्षियों के संरक्षण के साथ ही क्षेत्र वासियों को स्वरोजगार मिलेगा।
पक्षियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग को गस्त बढाई जानी चाहिए, साथ ही पशुपालन विभाग को समय समय पर साइबेरियन पक्षी नजर रख जानकारी लेनी चाहिए। जिससे बीमारी न फैले प्रयावरण विभाग को सुसवा नदी में आ रही। गन्दगी की जांच समय समय पर की जाए, जिससे पशुओं पक्षियों को कोई बीमारी न हो।