थराली से हरेंद्र बिष्ट।
लम्बे प्रयासों के बाद आखिरकार बहु.प्रतीक्षित सोलडुग्री के डाडरबगड़ में प्राणमति नदी पर इलैक्ट्रोनिक ट्राली शुरू होने पर आधे दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।
दरअसल 2013 में आई भीषण दैवी आपदा के कारण इस ब्लाक के अंतर्गत प्राणमती नदी पर गेरूड़-रणकोट के डाड़रबगड़ नामक स्थान पर बनी डाट पुलिया नदी की भेंट चढ़ गई थी। इसके साथ ही इस स्थान पर नदी का स्पान भी काफी अधिक बढ़ गया था। पुलियां के बह जाने के कारण इस क्षेत्र के अंतर्गत रणकोट, गुमण, गैराड़ी, कलचूना आदि गांवों के ग्रामीणों के सामने आवागमन की भारी दिक्कततें शुरू हो गई थी। यही नहीं इस क्षेत्र से प्रति दिन राइका गेरूड़ आने जाने वाले करीब 25 से 30 कक्षा 6 से 12 तक के छात्र छात्राओं को बरसात में आने जाने में भारी दिक्कतों का सामना पड़ रहा है।
यही नहीं भारी बारिश होने एवं नदी के बढ़ जाने पर मजबूरन उन्हें कालेज से अनुपस्थित रहना पड़ रहा है। छात्रों को जान हथेली पर रख कर इस नदी को आर.पार करने पर मजबूर होना पड़ रहा था। 2013 से ही इस क्षेत्र के ग्रामीण शासन प्रशासन से डाडरबगड़ में एक झूला पुल के निर्माण की मांग करते आ रहे हैं। जोकि आज तक पूरी नहीं हो सकी है। ग्रामीणों की मांग पर पिछले वर्ष सरकार के द्वारा इस स्थान पर एक अस्थाई इलैक्ट्रोनिक ट्राली की स्थापना की स्वीकृति दी थी। जिस पर लोनिवि थराली ने पिछले महिनों काम शुरू कर दिया था। लोनिवि थराली के अधिशासी अभियंता सतवीर सिंह यादव ने बताया कि गत दिनों इस ट्राली का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया हैं। और ट्राली आवागमन के लिए ग्रामीणों को मुहैया करवा दी गई हैं। ट्राली के शुरू होने के बाद इस क्षेत्र के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली हैं।












