उरगम घाटी से लक्ष्मण नेगी की रिपोर्ट
फुला नारायण धाम समुद्र तल से 10000 फीट की ऊंचाई पर अत्यंत रमणीक एवं सौंदर्य पूर्ण स्थान है। यह स्थान पंच केदार श्री कल्पेश्वर मंदिर के शीर्ष पर विद्यमान है। यहां भगवान नारायण के चतुर्भुज रूप में दर्शन होते हैं। भगवान विष्णु की चतुर्भुज मूर्ति के साथ-साथ महालक्ष्मी एवं जय विजय द्वारपाल इस मूर्ति पर विराजमान हैं।
हिमालय की गोद में बसा यह क्षेत्र अत्यंत रमणीक एवं आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। यहां प्रतिवर्ष श्रावण संक्रांति से लेकर नंदा अष्टमी की नवमी तिथि तक नारायण जी के कपाट खुला रहते हैं। यहां पर अन्य देवी देवता विराजमान हैं। जिसमें मां नंदा सुनंदा भूमियाल क्षेत्रपाल वन देवी के मंदिर यहां विराजमान हैं। मंदिर के चारों ओर नारायण की फुलवारी साथ में ओम नारायण गिरी आश्रम के अवशेष शिवलिंग यहां पर स्थित हैं।
प्रतिवर्ष यहां श्रावण संक्रांति से लेकर नंदा अष्टमी की नवमी तिथि तक ग्राम पंचायत बेटा बरकी पिल्खी आदि गांव के लोग यहां पूजा करने आते हैं। इस मंदिर के पुजारी भी ठाकुर लोग हैं। यहां महिला पुजारी भी पूजा करती हैं। ऐसी लोक मान्यता है कि जब आदि गुरु शंकराचार्य आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व बद्रिकाश्रम गए थे, इसी शंकु मार्ग से श्री ध्यान बद्री कल्पेश्वर होते हुए फूल नारायण के रास्ते बद्रीनाथ गये।
ऐसी मान्यताएं हैं दूसरी तरफ जब देवराज इंद्र को दुर्वासा ऋषि के द्वारा स्वागत हेतु एक पुष्प माला मेनका नाम की अप्सरा को बनाने के लिए कहा गया, तो उन्होंने फूल नारायण में पुष्प पुष्पमाला तैयार कर दुर्वासा को दी थी। जिस माला को दुर्वासा ऋषि द्वारा देवराज इंद्र को दिया गया था। इंद्र ने अपने घमंड में उस माला को अपने घोड़े के गले में डाल दिया था। जिसके कारण दुर्वासा ने इंद्र को श्राप दे दिया था। क्षेत्र में कई दर्जनों रमणीक एवं आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान हैं, जो तीर्थ पर्यटन की अपार संभावनाएं अपने ऊपर समाए हुए हैं।
इस स्थान को पहुंचने के लिए ऋषिकेश से सीधा राष्ट्रीय राजमार्ग बद्रीनाथ के अति निकट हेलंग तक 229 किलोमीटर जीप कार बस मोटरसाइकिल से पहुंचा जाता है। यहां से जीप कार मोटरसाइकिल से कल्पेश्वर तक 16 किलोमीटर मार्ग है। यहां से पूर्ण नारायण 5 किलोमीटर पैदल खड़ी चढ़ाई का रास्ता चल कर पहुंचा जाता है। रास्ता बड़ा ही रोमांच भरा रहता है। चारों ओर से हिमालय और वन का आवरण बड़ा मंत्र मुग्ध यात्री को कर देता है। यहां उद्गम बेली के दर्शन होते हैं। श्री कल्पेश्वर महादेव का सुंदर मंदिर भी यहां विराजमान है। उरगम में रुकने के लिए गेस्ट हाउस की व्यवस्था हो जाती है। यहां आप यहां से गाइड भी ले जाकर यात्रा कर सकते हैं।