
फोटो-बदरीनाथ हाईवे पर विष्णुप्रयाग के पास सडक चैडीकरण का कार्य जिस पर वन विभाग ने रोक लगा दी है।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। वन विभाग ने अब विष्णुप्रयाग से गोविंदघाट तक के क्षेत्र में भी सडक चैडीकरण का कार्य रूकवाया। सडक निर्मात्री कपंनी द्वारा जुर्माना अदा न करने पर कार्य पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
जोशीमठ-बदरीनाथ-माणा हाई-वे के चैडीकरण के कार्य पर वन महकमे ने शक्ति दिखाना शुरू कर दिया है। बीते दिनो फूलों की घाटी रैंज द्वारा बदरीनाथ हाईवे के बेनाकुली मे सडक चैडीकरण कार्य रूकवाया दिया था। और बृहस्पतिवार को जोशीमठ रैंज के अधीन आले वाले विष्णुप्रयाग क्षेत्र मे बदरीनाथ हाई-वे चैडीकरण का कार्य रूकवा दिया गया है। उक्त निमार्ण कार्यो को भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किया जा रहा है। वन विभाग का कहना है कि विना अनुमति व मानको के विपरीत उक्त कंपनी चैडीकरण का कार्य कर रही थी जिसके कारण कार्य को रोकना पडा।
जोशीमठ रैंज के रैंज आफीसर धीरेश च्रद विष्ट के अनुसार एक माह पूर्व सडक निमार्ण पर लगी उक्त कपनी द्वारा मलबा अलकनंदा मे गिराए जाने के साथ ही उनके मजदूरो द्वारा लकडियो का पातन कर जलाने के आरोप मे वन अधिनियम की धारा 26 के तहत अलग-अलग दो मामले दर्ज कर कपंनी पर एक लाख रूपया जुर्माना किया था। तब कंपनी द्वारा दस हजार रूपया जमा कर शेष 90हजार रूपया तीन दिनो मे जमा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन एक माह बीतने के बाद भी जब कंपनी द्वारा विना जुर्माना जमा किए कार्य शुरू किया गया तो मौके पर जाकर उनका कार्य बंद करवाना पडा।
श्री विष्ट के अनुसार उक्त कपंनी के मजदूर कार्य स्थल पर विना मास्क के ही कार्य करते हुए देखे गए और कई मामलो मे कोविड-19 का उल्लंघन किया जा रहा था। बताया कि कपंनी को सख्त हिदायत दी गई है कि जुर्माना की शेष राशि जमा करने के साथ ही वन अधिनियम का अनुपालन करने के साथ ही कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करने संबधित अनुबंध पत्र विभाग के पास जमा कराए इसी के बाद कार्य शुरू करने दिया जा सकेगा।












