फोटो- गाडू घडी तेल कलश नृसिंह मंदिर जोशीमठ मे ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। गाडू-घडी तेल कलश नृंिसह मंदिर से पांडुकेश्वर रवाना। सोमवार को पांडुकेश्वर मंे योग बदरी मंदिर में पूजा अर्चना के उपरांत पुनः नृंिसह मंदिर पंहुचेगी गाडू घडी। गाडू-घडी के प्रस्थान के साथ भगवान बदरीविशाल के कपाटोदघाटन की प्रक्रिया का शुभांरभ भी हो गया।
वंसत पंचमी के पर्व पर टिहरी राजदरबार मे टिहरी नरेश की मौजूदगी मे राज पुरोहित द्वारा भगवान बदरीविशाल के कपाट खुलने की तिथि घोषित की जाती हैं। इस पंरपरा से पूर्व भगवान को छ माह तक लेपन किए जाने वाले तिलो के तेल को गाडू घडी मे डिमरी समुदाय के पुजारी टिहरी दरबार से कपाटोदघाटन से पूर्व बदरीनाथ पंहुचाते है। इसी प्रक्रिया के तहत रविबार को मदिर खजाने से गाडू-घडी को डिमरी पंचायत द्वारा नियुक्त बारीदारो पंडित नरेश डिमरी, टीका प्रसाद डिमरी, अनूप डिमरी, हेमचंद डिमरी व मुकेश डिमरी के सुपुर्द किया गया। इसके बाद बदरीनाथ के धर्माधिकारी आचार्य भुवन च्रद उनियाल,उप मुख्य कार्याधिकारी सुनील तिवारी वेदपाठी रविन्द्र भटट, बरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चैहान व प्रशासिनक अधिकारी डब्बर सिंह भुज्वंाण की मौजूदगी मे गाडू-घडी तेल कलश को बारीदारो ने नृसिंह मंदिर मे दर्शन परिक्रमा कर पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान किया । इस मौके पर डिमरी समाज के सुभाष डिमरी, डा0संजय डिमरी,, पंडित सुशील डिमरी, भाष्कर डिमरी आदि भी मौजूद रहे।
सोमवार को पांडुकेश्वर मे गाडू-घडी के साथ योग बदरी मंदिर मे पूजा/अर्चना होगी। और उसके उपंरात डिमरी समुदाय के बारीदार गाडू घडी के साथ जोशीमठ नृसिंह मंदिर पंहुचगे। यहाॅ धर्माधिकारी की मौजूदगी मे नृंिहस मंदिर पीठ पुरोहित द्वारा गाडू घडी का पूजन होगा, तथा भोग प्रसाद के बाद गाडू घडी टिहरी दरबार के लिए प्रस्थान करेगी। सोमवार को गाडू घडी पूजन कार्यक्रम के दौरान बीकेटीसी के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल से सहित मंदिर के तमाम अधिकारी/कर्मचारी व हकहकूक धारी समाज के लोग मौजूद रहेगे।












