गैरसैंण। रविवार को रामलीला मैदान गैरसैंण में गैरसैंण राजधानी के लिए आन्दोलनकारियों ने बैठक की। जिससे गैरसैंण राजधानी का मुद्दा एक बार फिर गरमाने लगा है। बैठक में आंदोलनकारियों ने निर्णय लिया कि वह 10 जुलाई को जमानत नहीं करायेंगे, चाहे उन्हें जेल ही क्यों न जाना पड़े। नगर पंचायत अध्यक्ष पुष्कर सिंह रावत ने जिला विकास प्राधिकरण का विरोध करते हुए कहा कि शासन प्रशासन का वसूली का जरिया यह प्राधिकरण बन गया है जनता का नाजायज उत्पीडन बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। गैरसैंण को प्राधिकरण के जाल से मुक्त किया जायगा ।
गौरतलब है कि 2018 में भराडीसैंण विधान सभा सत्र के दौरान गैरसैंण राजधानी की मांग को ले कर आंदोलनकारियों ने गैरसैंण मुख्य तिराहे पर जाम लगाया था। इस बीच प्रशासन और आन्दोलनकारियों के बीच जाम को खुलवाने को लेकर गहमा गहमी भी हुई थी। जिसे लेकर प्रशासन ने 38 आन्दोलनकारियों पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। और न्यायालय ने जमानती वारंट जारी कर 10 जुलाई 2019 की तिथि नियत की है। जिसे देख आन्दोलनकारियों ने आगे के लिए रणनीति तय कर जमानत नहीं कराने और पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन चलाने का निर्णय लिया है।साथ ही आंदोलन जारी रखने के लिए एक
संचालन समिति का गठन भी किया है। समिति में पूर्व राज्य मंत्री सुरेश कुमार बिष्ट, नगर पंचायत गैरसैंण के अध्यक्ष पुष्कर सिंह रावत, बीरा देवी, बिमला देवी और दर्शन मढवाल को नामित किया गया है।
इस दौरान रूद्रप्रयाग से रमेश दत नौटियाल, सत्यपाल नेगी, राजेसिंह बिष्ट, पुरूषोत्तम चंद्रवाल, प्यारी देवी बिष्ट और पूरन सिंह नेगी, कमला पंवार, सरोज शाह, जसवंत बिष्ट, धनीराम, काशी देवी, कृष्णा नेगी, हंसी, गोबिन्दी, गुडी, चैनादेवी, उमा, मंजू आदि तमाम आंदोलनकारी मौजूूद रहे।
बैठक की अध्यक्षता राजधानी संधर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह विष्ट ने की और बैठक का संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता के एस बिष्ट ने किया।