रिपोर्टर-रूद्र बहादुर थापा उत्तराखंड समाचार के लिए विकासनगर से
पछवा दून विकासनगर में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आईपीसी की धारा 321 का सरकार कर रही दुरुपयोग। सर्वोच्च न्यायालय भी धारा 321 के दुरुपयोग पर समस्त हाईकोर्ट को दे चुके हैं निर्देश। जालसाजी, चोरी, चकारी, हत्या के प्रयास जैसे मुकदमे लिए सरकार द्वारा वापस।
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि पिछले कई महीनों से दिनदहाड़े लूट, हत्याएं, डकैती की वारदात हो रही हैं, लेकिन सुशासन की बड़ी.बड़ी बातें करने वाली सरकार इन पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रही है। दुर्भाग्य की बात है एक तरफ तो सुशासन की बात की जाती है, दूसरी तरफ गंभीर प्रवृत्ति के मुकदमे चोरी, जालसाजी, हत्या के प्रयास आदि वापस लेकर एक तरह से इनको खुला संरक्षण दे रही है। कुछ माह पहले सरकार ने धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा व कूट रचित दस्तावेज के आधार पर षड्यंत्र रचने वाले तथा हत्या के प्रयास जैसे मुकदमे जनहित में दर्शाकर वापस लिए, जोकि सरासर सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना है।
सरकार द्वारा धारा 321 का दुरुपयोग कर सभी मामले जनहित में दर्शाए गए हैं, जबकि इन मुकदमों का दूर.दूर तक जनहित से कोई वास्ता नहीं है। नेगी ने कहा कि माह अगस्त 2021 को सर्वोच्च न्यायालय ने सभी प्रदेशों के उच्च न्यायालयों से धारा 321 का दुरुपयोग रोकने के निर्देश दिए तथा यह भी चिंता जताई कि सरकार जनहित के नाम पर गंभीर प्रवृत्ति के मुकदमे वापस ले रही है, जो कि अनुचित है। सरकार के इस प्रकार के निर्णय से समाज में गलत संदेश जा रहा है तथा बदमाशों, जालसाजों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। मोर्चा ने सरकार को चेताया कि दोहरी पॉलिसी पर काम करना बंद करे! पत्रकार वार्ता में. कल्पना बिष्ट, सायरा बानो, नीरू त्यागी, तारा नेगी, बालेश्वरी पटवाल मौजूद थे।