ज्योतिर्मठ, 10अक्टूबर।
उत्तराखंड में हिमालय की गोद में बसा पवित्र तीर्थ स्थल, गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब के कपाट शुक्रवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए, 25 मई 2025 को शुरू हुई इस वर्ष की यात्रा मे लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने आध्यात्मिक शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव किया। कपाट बंद होने के अवसर पर करीब दो हजार श्रद्धालु इस वर्ष की अन्तिम अरदास मे शामिल हुए। इसी के साथ लक्ष्मण मंदिर-लोकपाल तीर्थ के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
कपाट बंद समारोह की शुरुआत सुखमनी साहिब पाठ से हुई, जिसके बाद श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर के हजूरी रागी भाई मनिंदर सिंह ने कीर्तन प्रस्तुत किया। अंतिम अरदास के बाद श्री गुरु ग्रंथ साहिब को गोविंद धाम ले जाया गया, पंज प्यारों के नेतृत्व में शोभायात्रा में कीर्तन और “बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” के जयघोष के बीच लगभग दो हजार श्रद्धालु इस आयोजन मे सरीक हुए।
——— ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व—
श्री हेमकुंट साहिब, गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़ा तीर्थ स्थल, 15,200 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। “लोकपाल” के नाम से प्रसिद्ध यह स्थान अपनी शांति और पवित्रता के लिए जाना जाता है। हिमाच्छादित पर्वत, पुष्प घाटी, और सरोवर का प्राकृतिक सौंदर्य धार्मिक यात्रियों, पर्यटकों और ट्रैकर्स को आकर्षित करता है।
इस वर्ष लगभग 2.75 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, हेमकुंड साहिब मैंनेजमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन नरिंदरजीत सिंह बिंद्रा ने मौसम की चुनौतियों और सोशल मीडिया पर अफवाहों के बावजूद आए यात्रियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि वे विनम्रता और परमात्मा में विश्वास के साथ दर्शन के लिए पहुंचे, परमात्मा सफल यात्रा के साथ मनोकामना भी पूर्ण करेंगें। उन्होंने सुझाव दिया कि सोशल मीडिया की अफवाहों पर ध्यान देने के बजाय मौसम और सड़क की स्थिति जानने के लिए स्थानीय गुरुद्वारों से संपर्क करें। इस समारोह में ट्रस्ट के सीईओ सेवा सिंह, मैनेजर कुलजीत सिंह और सहायक मैनेजर मोनू सिंह आदि उपस्थित रहे।
चेयरमैन श्री बिंद्रा ने राज्यपाल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मुख्य सचिव आनंद वर्धन, डीजीपी दीपम सेठ, डीएम संदीप तिवारी, एसपी सर्वेश पंवार सहित प्रशासन, पुलिस, और एसडीआरएफ का धन्यवाद किया।
समारोह में ब्रिगेडियर ढिल्लन और विश्व भर से आए श्रद्धालु उपस्थित रहे।