देहरादून में बैठे नेताओं, नौकरशाहों को मुंह चिड़ाता विकास
थराली से हरेंद्र बिष्ट।
आज भी पिंडर घाटी में अपेक्षित सड़कों का निर्माण ना हो पाने एवं लचर स्वास्थ्य सेवाओं के चलते यहां के गांव के बिमार, बुजुर्गों को लाने ले जाने के लिए सदियों पुराना संसाधन डोलियों का प्रचलन बरकरार है, जोकि एक तरह से देश के विकास को मुंह चिढ़ाता दिख रहा है। आम तौर पर यहां के ग्रामीण अंचलों में बीमारों एवं बुजुर्गों को डोलियों में लाते.ले जाते देखा जा सकता है। गत दिवस कुछ इसी तरह की एक तस्वीर देवाल ब्लाक के हरनी गांव से सामने आई। जहां पर सड़क के अभाव में एक बीमार महिला को करीब 4 किमी डोली में रख कर मोटर सड़क तक पहुंचने में ग्रामीणों को खासी मशक्कत करनी पड़ी।
सरकारों के द्वारा लंबे समय से गांव.गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए कई बड़े.बड़े दावें किए जाते रहे हैं। किंतु हकीकत आज भी पहाड़ी क्षेत्र की यह हैं कि 5 से 10 वर्ग किमी तक के एक बड़े भूभाग में बसें गांव के एक छोर तक सड़क का निर्माण कर सरकार अपनी पीठ थपथपाने लगती हैं कि उसने इस वित्तीय वर्ष में इतनी किमी मोटर सड़क का निर्माण कर इतने गांवों को सड़क से जोड़ दिया हैं। जबकि हकीकत में पहाड़ी गांव की भगौलिक स्थितियों को देख कर पता चला है कि सड़क का लाभ नहीं के बराबर ही ग्रामीणों को नही मिल पाया है। पिंडर घाटी के ग्रामीण अंचलों की विकट भौगोलिक स्थिति को देखा जाए तो आज भी आम ग्रामीण तक मोटर सड़क की सुविधा मुहैया कराने के लिए सैकड़ों किमी मोटर सड़क की हैं। किंतु सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार क्षेत्र के तीनों विकासखंडों के करीब 90 फीसदी गांवों को यातायात सुविधा से जोड़ देने की बात कही जाती हैं। जोकि वास्तविकता से काफी दूर है। बेहतरीन सड़क सुविधा के अभाव में आज भी अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में सदियों पहले सादी बारातियों में दूल्हा, दुल्हन को ले जाने के लिए इजाज की गई डोली इसके अलावा गांव के बिमार, बुजुर्गों को लाने.ले जाने के लिए आज भी कारगर साधन बना हुआ हैं। इस साधन के कारण कई बार बिमारों की रस्ते में ही लाते लाते मौतें भी हो जाती हैं।
गत दिवस कुछ इसी तरह का एक मामला विकासखंड देवाल के अंतर्गत हरनी गांव से सामने आया बताया जा रहा हैं कि हरनी गांव निवासी बलवंतसिंह खत्री की पत्नी पार्वती देवी की अचानक तबियत बिगड़ गई। सड़क एवं परिवहन की ठोस व्यवस्था नही होने के कारण गांव के युवक मंगल दल के अध्यक्ष संदीप बागड़ी, बलवीर सिंह बिष्ट, धन सिंह बिष्ट, कलम सिंह, पदम सिंह खत्री, प्रदीप खत्री, महेश बिष्ट, आनंद बिष्ट, प्रदीप बिष्ट आदि ने बिमार महिला को गांव के पोखरी तोक से डोली में बिठा कर करीब 4 किमी दूर बगड़ीगाड़ मोटर सड़क तक भारी मशक्कत के बाद सुरक्षित पहुंचाया जहां से महिला के परिजन बीमार को उपचार के लिए देहरादून लें गए। गांव के युमंद अध्यक्ष संदीप बागड़ी एवं बलवीर बिष्ट ने बताया कि पिछले 6.7 वर्ष पूर्व थराली.देवाल.मंदोली मोटर सड़क के बगड़ीगाड नामक स्थान से हरनी गांव तक 5 किमी मोटर सड़क के निर्माण की स्वीकृति मिली थी किन्तु आज तक भी इसका निर्माण कार्य शुरू नही होने से इस गांवों के ग्रामीणों को इस तरह की समस्या से जुझते रहना पड़ता हैं। जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। सड़क का निर्माण कब तक शुरू होगा कोई भी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नही हैं।