इस प्रकरण में कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उच्च अधिकारियों से भी मांग की, किंतु जांच की बात की गई, लेकिन जांच कभी नहीं हुई। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रेम सिंह सनवाल ने हाईकोर्ट के दरवाजे भी खटखटाए किंतु इसके बाद भी निराशा ही हाथ लगी। डुमक गांव के लोगों ने विधानसभा एवं ग्राम पंचायत के चुनाव का भी बहिष्कार किया। उसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त भारत सरकार ने भी इस गांव का निरीक्षण किया और गांव वालों से समस्या जानी। लोगों ने सड़क की समस्या मुख्य रूप से बताई, किंतु उसके बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ।
जिलाधिकारी डॉ हिमांशु खुराना ने भी इस गांव का स्थलीय निरीक्षण किया। लोगों ने एकमात्र सड़क की मांग जिलाधिकारी के सम्मुख पिछले माह रखी। जिलाधिकारी के आदेश अनुसार आज प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जेई और एई भूगर्भ के अधिकारी भी डुमक कलगोट गांव पहुंचे थे। भूगर्भ विभाग से दीपक हटवाल इस टीम के सदस्य थे। उनसे जब बातचीत की गई उन्होंने कहा कि जहां कठोर चट्टान होगा, वहां रोटर रोड के लिए उपयुक्त जगह होगी किंतु विभागीय कर्मचारी लीपापोती करते हुए एलाइनमेंट को अपने हिसाब से मोड़ना चाहते हैं।

जबकि भारत सरकार वन मंत्रालय के द्वारा 29 किलोमीटर सड़क की स्वीकृति दी है। स्वीकृति के विपरीत रोड का संरेखण बदला जा रहा है। इसी की देखरेख के लिए आज उस क्षेत्र में एक संयुक्त निरीक्षण टीम गई थी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जेई आशीष तिवारी से वार्ता की गई। इस सड़क के लिए वर्तमान में कितनी धनराशि अवशेष बची हुई? उन्होंने बताया कि 4 करोड़ अवशेष बचे हैं। दूसरी तरफ स्टारकोन के साथ काम कर रहे ठेकेदार को अपनी मशीनों को वापस कार्यस्थल से ले जाते हुए देखा गया।
स्थानीय ग्रामीणों में कार्य की गुणवत्ता को देखते हुए भारी निराशा है और लोगों को लगता है कि सरकारी कर्मचारी भी लीपापोती कर रहे हैं। आज कुछ ग्रामीणों के साथ स्थलीय निरीक्षण करते हुए समरेखण के बारे में बात हुई थी। जिसमें प्रताप सिंह संवाद पूर्व प्रधान क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रेम सिंह सनवाल, गोविंद सिंह सनवाल प्रताप सिंह राणा, पूर्व प्रधान आदि लोग उपस्थित थे। पीएम जी एस वाई पोखरी की मिलीभगत के कारण यह सड़क 9 किलोमीटर आज तक नहीं बन पाई और लगभग 9 किलोमीटर की धनराशि विभाग और ठेकेदार की मिलीभगत के कारण प्रथम कटिंग का खर्च हो चुका है। इस प्रकरण में सिर्फ जांच होती है, नतीजा कुछ नहीं निकलता है। किसी अधिकारी के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं हो सकी।
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