• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

कैलाश मानसरोवर यात्रा लिपुलेख पास मार्ग से संचालित होगी यात्रा

28/04/25
in उत्तराखंड, देहरादून
Reading Time: 1min read
60
SHARES
75
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter
https://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/11/Video-60-sec-UKRajat-jayanti.mp4

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कैलाश पर्वत पर महादेव और मां पार्वती का वास होता है। इसलिए सनातन धर्म में कैलाश मानसरोवर यात्रा को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। अब जल्द ही लंबे समय के बाद एक फिर से कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत होने जा रही है। कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए महादेव के भक्त बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस यात्रा पर वर्ष 2020 में कोरोना महामारी की वजह से रोक लगाई थी, जिसके बाद 5 साल के बाद फिर से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू होने जा रही है। वर्ष 2025 में कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत 30 जून से होगी। इस यात्रा के लिए आवेदन और चयन की प्रक्रिया को ऑनलाइन रखा गया है। कैलाश मानसरोवर को बौद्ध और जैन धर्म के लोग भी पवित्र स्थान मानते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार, कैलाश मानसरोवर को कुबेर नगरी कहा जाता है। इसी जगह से जगत के जगत के पालनहार भगवान विष्णु के चरण से गंगा नदी निकलती है और कैलाश पर्वत की चोटी पर गिरती है। इस यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कठिन रास्तों का सामना करना पड़ता है और शिव के धाम का दर्शन करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ध्यान और तप के देवता शिव माने जाते हैं। महादेव के भक्त मुक्ति का मार्ग ध्यान और तपस्या को मानते हैं। कैलाश पर्वत को भगवान शिव का वास है। कैलाश पर्वत तिब्बत में है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने के लिए हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन धर्म से जुड़े लोग दूर-दूर से आते हैं, लेकिन सभी धर्मों के लिए अलग-अलग मान्यताएं हैं। यहां पर श्रद्धालुओं आध्यात्मिक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। कैलाश मानसरोवर यात्रा, जो हर साल हजारों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ी होती है, 2020 में रोक दी गई थी। इसकी दो बड़ी वजहें थीं- एक तो दुनिया भर में फैला कोरोना वायरस और दूसरा, भारत-चीन सीमा पर बढ़ता तनाव। खासकर गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद हालात इतने बिगड़ गए थे कि दोनों देशों के रिश्तों में जबरदस्त कड़वाहट आ गई थी। नतीजा ये हुआ कि सुरक्षा कारणों से यात्रा पर ताला लगाना पड़ा। मानसरोवर शब्द दो भागों से बना है ‘मानस’ यानी मन और ‘सरोवर’ यानी झील। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस झील की रचना भगवान ब्रह्मा ने अपने मन से की थी।कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। यह स्थान हिंदुओं, बौद्धों और जैनियों के लिए अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थल है। यह यात्रा सिर्फ शरीर की नहीं, बल्कि आत्मा की भी परीक्षा है। हर कदम पर श्रद्धा, धैर्य और भक्ति का संगम होता हैचार साल के लंबे इंतजार के बाद अब एक बार फिर श्रद्धालु इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बन सकेंगे। शिवभक्तों के लिए ये यात्रा उम्मीद, आस्था और दिव्यता से भरपूर होगी। देश मंत्रालय ने कहा कि विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित कैलाश मानसरोवर यात्रा जून से अगस्त 2025 के दौरान होगी। मंत्रालय ने कहा कि इस वर्ष, 50 यात्रियों वाले 5 बैच और 50 यात्रियों वाले 10 बैच क्रमशः उत्तराखंड राज्य से लिपुलेख दर्रे को पार करते हुए और सिक्किम राज्य से नाथू ला दर्रे को पार करते हुए यात्रा करने वाले हैं।मंत्रालय ने कहा कि आवेदन स्वीकार करने के लिए kmy.gov.in वेबसाइट खोल दी गई है। यात्रियों का चयन आवेदकों में से निष्पक्ष, कंप्यूटर द्वारा तैयार चयन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।यह देखते हुए कि पिछले पांच वर्षों से यह मार्ग नागरिकों के लिए उपयुक्त नहीं था। यह देखेत हुए कि इस तीर्थयात्रा का आयोजन करना एक चुनौती होगी। बता दें, चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की तीर्थयात्रा हिंदुओं के साथ-साथ जैन और बौद्धों के लिए भी धार्मिक महत्व रखती है। उत्तराखंड के सीमांत जिला पिथौरागढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत हुआ था. पीएम मोदी ने हिमालय की चोटी पर स्थित पार्वती सरोवर और शिव मंदिर में पूजा अर्चना भी की थी. पीएम मोदी के आदि कैलाश के भ्रमण से इस क्षेत्र में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिला है. त्रियों का चयन निष्पक्ष प्रक्रिया के तहत होगा और उन्हें अलग-अलग मार्ग और बैच दिए जाएंगे।मार्ग और बैच में बदलाव संभव नहीं होंगे, लेकिन अगर आवश्यक हो तो यात्रियों द्वारा अनुरोध करने पर परिवर्तन किया जा सकता है, लेकिन यह खाली सीट उपलब्ध होने पर ही होगा और मंत्रालय का निर्णय अंतिम होगा।
इस बार श्रद्धालुओं को कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) को 35,000 की जगह 56,000 रुपये देने होंगे। इस राशि में यात्रा के दौरान आने-जाने, ठहरने और खाने-पीने का खर्च शामिल होगा। इसके अलावा, श्रद्धालुओं को मेडिकल जांच, चीन का वीजा और अन्य अतिरिक्त खर्च भी करना पड़ेगा। केएमवीएन लिपुलेख दर्रे से कैलाश मानसरोवर यात्रा का संचालन करेगा।उत्तराखंड से यात्रा का संचालन दिल्ली से शुरू होकर पिथौरागढ़ के लिपुलेख पास से होगा। पहला दल 10 जुलाई को चीन में प्रवेश करेगा, और अंतिम दल 22 अगस्त को भारत लौटेगा। प्रत्येक दल की यात्रा कुल 22 दिनों की होगी।कैलाश मानसरोवर यात्रा 2020 से कोविड महामारी के कारण रोक दी गई थी। अब, पांच साल बाद यह यात्रा फिर से शुरू हो रही है, जिससे श्रद्धालुओं के लिए यह खुशखबरी है। भारत और चीन की सरकार फिर से कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत करने जा रही है. कैलाश मानसरोवर की यह पवित्र यात्रा पांच साल के अंतराल के बाद दोबारा इस साल जून महीने से शुरू होने जा रही है. इस कदम को पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध से बुरी तरह प्रभावित दोनों देशों (भारत और चीन) के संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.इसे भारत और चीन के रिश्तों को बेहतर बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। *लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं।लेखक वर्तमान में दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।*

Share24SendTweet15
Previous Post

कविता कारवां’ के कार्यक्रम में सुनायी गयीं कवियों की रचनाएं

Next Post

अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज कण्वघाटी में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने ली जल संरक्षण की शपथ

Related Posts

उत्तराखंड

दिनांक 26 नवंबर को आयोजित कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय

November 26, 2025
3
उत्तराखंड

संविधान दिवस पर विकास खंड देवाल के अंतर्गत फल्दियागाँव में कई कार्यक्रमों का आयोजन

November 26, 2025
4
उत्तराखंड

ग्वालदम -देवाल-वाण-तपोवन सड़क को बीआरओ को सौंपने की मांग देवाल का एक शिष्टमंडल डीएम से मिला

November 26, 2025
3
उत्तराखंड

जल्द ही कुमाऊं के बागेश्वर एवं गढ़वाल के चमोली जिले के लिए यातायात एक नया विकल्प खुल जाएगा

November 26, 2025
6
उत्तराखंड

ग्राम कमांदा में क्लस्टर आधारित कृषि व ग्रामीण समस्याओं के समाधान हेतु चौपाल का आयोजन

November 26, 2025
9
उत्तराखंड

भारत विकास परिषद कोटद्वार के तत्वावधान में सामूहिक सरल कन्या विवाह समारोह हुआ सम्पन्न

November 26, 2025
8

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    67511 shares
    Share 27004 Tweet 16878
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    45760 shares
    Share 18304 Tweet 11440
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    38035 shares
    Share 15214 Tweet 9509
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    37426 shares
    Share 14970 Tweet 9357
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    37305 shares
    Share 14922 Tweet 9326

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

दिनांक 26 नवंबर को आयोजित कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय

November 26, 2025

संविधान दिवस पर विकास खंड देवाल के अंतर्गत फल्दियागाँव में कई कार्यक्रमों का आयोजन

November 26, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.