प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। शिक्षक, कवि और यायावर डॉ चरणसिंह केदारखंडी ने राजकीय इंटर कॉलेज बड़ागांव जोशीमठ के छात्र छात्राओं के बीच ’युवा भारत के श्रीअरविन्द’ ..विषय पर एक सारगर्भित व्याख्यान दिया ।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि विद्यालय समझ और विचार के उद्गम स्थल होते हैं जहाँ श्रेष्ठ और नवीन विचारों और सपनों का पोषण होता है। एक शक्तिशाली विचार ही शक्तिशाली कर्म बनकर व्यक्ति और समाज को सबल और समृद्ध करता है इसलिए युवा पीढ़ी को अपनी विचार प्रक्रिया के निर्माण पर विशेष ध्यान देना चाहिए। स्वाधीनता संग्राम सेनानी और आध्यात्मिक विभूति महायोगी श्रीअरविन्द के जीवन और संदेश की मीमांसा करते हुए डॉ केदारखंडी ने कहा कि श्रीअरविन्द ने भारत के स्वरूप और स्वभाव और विश्व निर्माण में उसकी भूमिका को जिस ऊँचाईं से परिभाषित किया है वह अद्वितीय और अनुपम है और हमारे देश के लिए उनके विचारों में परम आलोक समाहित है।
नित्य जीवन में एकाग्रता और सजगता बढ़ाकर विद्यार्थी श्रीअरविन्द के संदेश ष्सारा जीवन ही योग हैष् को समझ सकते हैं। उन्होंने शिक्षक समुदाय से आह्वान किया कि वे शिक्षा और दर्शनए भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म पर श्रीअरविन्द के विचारों का गहन अध्ययन करें और सारभूत तत्व को अपने शिक्षण में समाहित करें। समाज और राजनीति के सभी दोषों की कुँजी शिक्षा और बेहतर विचार के मुख्यालय यानी हमारे विद्यालयों में समाहित है।
इस अवसर पर विद्यालय परिवार को ’श्रीअरविन्द अध्ययन केंद्र जोशीमठ’ की ओर से महायोगी और श्रीमाँ का साहित्य उपहारस्वरूप प्रदान किया गया। प्रभारी प्रधानाचार्य श्रीमती सोनी ने डॉ केदारखंडी का स्वागत किया और शिक्षिका और शोधार्थी कु पूजा नेगी ने उनका परिचय दिया। इस अवसर पर शिक्षिका आशा पँवारए बीरेंद्र सिंह सनवाल सहित सभी शिक्षक उपस्थित रहे।