
थराली.. पिछले वर्ष लाटू बार को बंद करने के दौरान मंदिर को कुछ इस तरह से सजाया गया था।
थराली. सिद्धपीठ वांण का लाटू मंदिर।
थराली से हरेंद्र बिष्ट।
प्रसिद्ध लाटू सिद्धपीठ वांण के कपाट इस वर्ष 26 अप्रैल को बैसाख पूर्णिमासी के मौके पर खोले जाएंगे। कपाटोद्घाटन के मौके पर इस बार प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एवं राज्य के पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई, संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के मौजूद रहने की प्रबल संभावना बनी हुई है।
परंपरागत रूप से पिंडर घाटी के विकासखंड देवाल के अंतर्गत श्री नंदा देवी राजजात यात्रा मार्ग के अंतिम आवादी पड़ाव वांण गांव स्थित लाटू देवता के कपाट श्रद्धालुओं की पूजा अर्चना के लिए इस साल 26 अप्रैल को बैसाखी पूर्णमासी के दिन विधि.विधान के साथ खोले जाएंगे। उल्लेखनीय हैं कि लाटू धाम वांण के कपाट उत्तराखंड के चार धामों की तर्ज पर ही प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णमासी के दिन छः महीनों के लिए बंद कर दिए जाते हैं। और प्रत्येक बैसाख पूर्णमासी के दिन श्रद्वालुओं के लिए खोल दिए जाते हैं।
देवाल विकास खंड के प्रमुख एवं प्रमुख संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दर्शन दानू ने बताया कि 26 अप्रैल को लाटू धाम वांण के कपाटोद्घाटन के मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ ही प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के आने की संभावना हैं। उन्होंने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के निजी सचिव सुरेश कुमार के एक पत्र के हवाले से बताया है कि कार्यक्रम के अनुसार सीएम के साथ महाराज 26 अप्रैल को दोपहर 2 बजें हैलिकॉप्टर से वांण पहुंचेंगे। वांण में पूजा.अर्चना के बाद महाराज देवाल, थराली, नारायणबगड़, कर्णप्रयाग, चमोली होते हुए रात्रि विश्राम के लिए जोशीमठ पहुंचेंगे।अगले दिन 27 अप्रैल को महाराज जोशीमठ के नीती घाटी का भ्रमण कर उस दिन भी रात्रि विश्राम जोशीमठ में ही करेंगे। 28 अप्रैल को प्रातः 9.30 बजे जोशीमठ से रैणी जाएंगे जहां पर वें रैणी, तपोवन के आपदा पीड़ितों से भेंट कर उनके दुःख दर्दों को जानने का प्रयास करेंगे। उसी दिन महाराज वापस देहरादून को लौट जाएंगे।
ब्लाक प्रमुख दर्शन दानू का कहना हैं कि लाटू सिद्धपीठ वांण के कपाटोद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री के मौजूद रहने से इस क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन के साथ ही सहासिक पर्यटन के नए.नए द्वार खुलने की संभावना काफी बढ़ जाएगी।












