रिपोर्ट-सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
जनपद रुद्रप्रयाग के दशज्युला की अराध्य देवी माँ चण्डिका दीवारा यात्रा के 182 वे पड़ाव ग्राम पंचायत कोटी.मदोला मे रात्रि विश्राम पर पहुंची।
आपको बताते चले कि दशज्युला महड की माँ चण्डिका 92 सालों बाद अपने 6 महीने की दीवारा यात्रा भ्र्मण पर निकली है, वहीं चण्डिका ने गढ़वाल क्षेत्र के सैकड़ो गाँवों का भ्रमण करते हुए रात्रि विश्राम को 182 वें पड़ाव मदोला गाँव पँहुची।

ग्रामीणों ने माँ चण्डिका के आगमन की पूरी तैयारी के साथ स्वागत कियाएगाँव के पंचायती चौक मे देवी के पश्वाओ द्वारा देव निशानी के साथ नृत्य किया गया, ग्रामीणों ने कीर्तन.आरती एंव माँ चण्डिका के जयकारे लगाकर कर आशीर्वाद लिया।
वही सुबह होते ही, देव निशानों के साथ पंचपूजा के बाद माँ चण्डिका ने घर.घर जाकर ग्रामीणों को सुख.समृद्धिएकष्ट रोग मुक्त का आशीर्वाद दिया।ओर देवी अपने अगले पड़ाव के लिए निकली। ग्रामीणों ने चण्डिका को अपने गाँव से ख़ुशी खुशी बिदाई दी ओर माँ के जयकारे लगाये।
देवी के पुजारी हरि बल्लभ सती व अध्यक्ष धीर सिह बिष्ट, सरक्षक जगदीश भण्डारी ने बताया कि 12 जून को माँ चण्डिका बनियाथ महड मन्दिर मे महायज्ञ के साथ समापन होगा।
वहीं चण्डिका दीवारा यात्रा में आईआईटी हैदराबाद के शोध छात्र विनीत गैरोला भी अपने उत्तराखंडी पौराणिक देव संस्कृति पर शोध के लिए 300 किलोमीटर 100 से अधिक गाँवों का पैदल भ्र्मण कर रहे हैं, उनका कहना है कि उत्तराखंड की देव संस्कृति ओर देवताओं की आस्था को गहराई से जानने का मुझे सौभाग्य मिला है, मैं हर गॉँव, इलाके की रीति रिवाजो को समझ रहा हूँ, इसे अपने शोध में जोड़ने का प्रयास कर रहा हूँ।
इस अवसर पर गॉँव के बड़े बुजुर्ग, युवा, महिलाएं, बच्चे सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।












