रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट।
थराली। प्रसिद्ध श्री नन्दा देवी राजजात यात्रा जो कि प्रति 12 वर्षों में सिद्धपीठ कुरूड से लेकर होमकुंड तक आयोजित होती हैं।इसी के तहत प्रति वर्ष सिद्वपीठ कुरूड से वेदनी बुग्याल एवं वापिस नंदा सिद्धपीठ देवराड़ा तक आयोजित होने वाली लोकजात नंदा राजराजेश्वरी की 2023 में भादों पक्ष में आयोजित होने वाली 21दिवसीय यात्रा का गुरूवार को कुरूड मंदिर में विधिवत तिथियों की घोषणा कर दी गई हैं।
कुरूड में तिथियों की घोषणा करते हुए श्री नंदा देवी राजराजेश्वरी मंदिर कमेटी कुरूड परंगना नन्दाक बधाण के अध्यक्ष नरेश गौड़ ने बताया कि गणना के अनुसार बधाण की नंदा की उत्सव एवं दशोली की नंदा की डोली 7 सितंबर को गर्भगृह से बाहर निकलेंगी उसके बाद यहां पर 9 सितंबर तक नंदा मेले का आयोजन किया जाएगा।9 सितंबर को ही दोपहर को बधाण की डोली अपने पहले पड़ाव चरबंग पहुंचेगी 9 सितंबर को 21 दिवसीय नंदा लोकजात यात्रा की शुरुआत हो जाएगी उसके बाद यात्रा 13 पड़ावों को पार करते हुए 22 सितंबर को निर्जन पड़ाव गैरोली से वेदनी बुग्याल पहुंचेगी जहां पर सप्तमी की जात नंदा देवी की विशेष पूजा अर्चना के बाद उत्सव डोली वापसी के लिए रवाना हो जाएंगे।
पहले दिन के वापिस के पड़ाव के तहत देवाल ब्लाक के बांक गांव पहुंचेगी। इसके बाद यात्रा 29 सितंबर को थराली के थाला, लोल्टी तु़ंगेशवर गांव होते हुए उसी दिन नंदा देवी सिद्वपीठ देवराड़ा के मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो जाएगी। और इसी के साथ नंदा लोक जात यात्रा 2023 का विधिवत समापन हो जाएगा।