रिपोर्ट:लक्ष्मण सिंह नेगी
जोशीमठ/चमोली। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है जहां गांव को जोड़ने का संकल्प भारत सरकार के द्वारा लिया गया है। वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग पीएम जी एस वाई उत्तराखंड के कई जिलों में योजना पर पलीता लगा रहे हैं भारी भरकम बजट मिलने के बाद भी सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का मानक है कि जिस दिन से योजना की स्वीकृति के बाद कार्य प्रारंभ होता है उसे दिन से 9 माह के अंतर्गत सड़क कटिंग प्रथम और द्वितीय चरण का कार्य पूरा हो जाना चाहिए और उसके बाद कार्यदायी संस्था एवं ठेकेदार को 5 वर्ष तक उसे सड़क का रख रखाव का कार्य करना होता है,किंतु जनपद चमोली में एक सड़क पिछले 15 वर्षों से सड़क पर कार्य चल रहा है किंतु आज तक गांव तक सड़क नहीं पहुंच पाई है। इस सड़क का नाम सैजी लग्गा मैकोट वेमरु स्यूंण डुमक नाम से स्वीकृत 2007 वर्ष 2008 में मिली थी इस सड़क का कार्य कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग पी एम जी एस वाई पोखरी को मिला था यह सड़क भारत सरकार के द्वारा 32 किलोमीटर की स्वीकृति मिली थी बाद में सड़क के समरेक्षण एवं निर्माण के समय 29 किलोमीटर कार्य होना था जिसे विभिन्न ठेकेदारों को समय-समय पर विभाग के द्वारा दिया जाता रहा किन्तु 15 वर्ष में 29 किलोमीटर सड़क का निर्माण नहीं हो पाया वर्तमान में सड़क स्यूंण गांव से 1 किलोमीटर आगे भयानक चट्टान पर 2 वर्षों से सड़क का काम सड़क निर्माण निर्माण कार्य बंद पड़ा है स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कार्य संस्था लोक निर्माण विभाग पोखरी (पी एम जी एस वाई एस ) अभी सड़क को डुमक तक नहीं बनना चाहती है विभाग ने 9 किलोमीटर सड़क की पूरी धनराशि गड़बड़ झाला कर दिया है और दो गांव को आपस में लड़ाने का काम विभाग कर रहा है जब भारत सरकार के द्वारा 29 किलोमीटर सड़क की वन हस्थानांतरण एवं डीपीआर स्वीकृत की गई है तो अब सड़क निर्माण में अनावश्यक अड़चन डाल जा रहा है स्थानीय ग्रामीण सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम सिंह सनवाल का कहना है कि डुमक को सड़क से वंचित करने का कुछ लोगों ने षड्यंत्र रचा हुआ है इसी कारण इस पूर्व सर्वेक्षण कार्य को गलत बताकर नया सर्वेक्षण कर फिर दुवारा वन हस्थानांतरण की कार्रवाई की जा रही है जिससे जिससे योजना में अनावश्यक देरी हो जाए और जिन अधिकारियों ने बिना रोड कटिंग का ही धनराशि खर्च कर दी है उन अधिकारियों को बचाने की कार्यवाही की जा रही है भारत सरकार ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना प्रथम चरण एवं द्वितीय चरण का कार्य 31 मार्च 2024 के बाद बंद हो जाएगा और इसके बाद जो भी कार्य होंगे राज्य सरकार को करना होगा। विभागीय कर्मचारी चाहते हैं कि लोग इस पर आवाज नहीं उठाएं और सरकारी धन का जो बंदरबाट की गई है उसे पर लीपापोती हो जाए। 22 दिसंबर 2023 को जिलाधिकारी चमोली के माध्यम से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को ज्ञापन प्रस्तुत कर क्षेत्र के लोगों ने शीघ्र मोटर रोड का काम शुरू करने की मांग की है और यदि 15 दिन के अंदर कुछ कार्रवाई नहीं होती है तो व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी है, दूसरी तरफ स्थानीय नागरिकों ने तय किया है कि 26 दिसंबर 2023 को अपने-अपने गांव में इस सड़क की मांग को लेकर शांतिपूर्ण रूप से मसाल जुलूस निकलेंगे और पूरी सूचना राज्य सरकार को प्रेषित करेंगे। पूर्व प्रधान बहादुर सिंह रावत कहते हैं कि यह सड़क का कार्य जितना निर्माण हुआ है उसमें भी कई जगहों पर डिफेक्ट कटिंग की आवश्यकता है जुलाई 2023 के बाद यह सड़क मैकोट गांव से आगे जगह जगह क्षतिग्रस्त हुई है और इसकी मरम्मत की कार्यवाही नहीं हुई है जो चिंता का विषय है। इस अवसर पर डुमक सहित विभिन्न गांव के एक दर्जन से अधिक लोगों ने जिला अधिकारी कार्यालय में जाकर के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रस्तुत किया और एक प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से कड़ी चेतावनी देते हुए मांग की है कि सड़क का कार्य यदि शुरू नहीं किया गया तो व्यापक आंदोलन किया जाएगा। इस अवसर पर पूर्व प्रधान प्रताप सिंह राणा स्यूंण पूर्व प्रधान रविंद्र सिंह नेगी वएमरू महादेव प्रसाद भट्ट रुद्रनाथ के पुजारी , लक्ष्मण सिंह सनवाल,सोनू सनवाल,आनंद सिंह सनवाल,विनोद, इसके अलावा ग्राम प्रधान कुजौमैकोट, ग्राम प्रधान ग्वाड पूर्व प्रधान भेंटा लक्ष्मण सिंह नेगीआदि लोग उपस्थित थे।