रिपोर्ट:हरेंद्र बिष्ट
थराली। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी एवं 10 वर्षों तक भेटा-राईकोली गांव के ग्राम प्रधान रहें इंद्र सिंह फरस्वाण का आक्समिक निधन हो गया हैं। उनके निधन पर राज्य आंदोलनकारियों ने शोक व्यक्त किया है। गुरुवार को उनका पिंडर नदी स्थित घाट पर गमगीन माहौल के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया हैं।72 वर्षीय राज्य आंदोलनकारी फरस्वाण का बुधवार को उनके घर राईकोली में आक्समिक निधन हो गया हैं।जिनका गुरुवार को पिंडर नदी स्थित श्मशान घाट में गमगीन माहौल के बीच अंतिम अंतिम संस्कार कर दिया गया हैं। फरस्वाण के निधन पर राज्य आंदोलनकारी भुपाल सिंह गुसाईं ने गहरा दुःख व्यक्त करते हुए बताया कि वे 1988 से 97 तक भेटा, राईकोली गांव के ग्राम प्रधान रहें।इसी बीच 1994 में उत्तराखंड राज्य के लिए किए गए आंदोलन में सक्रिय रूप से सामिल रहें। राज्य की मांग को लेकर दिल्ली कूच के दौरान उन्हें रामपुर तिराहे से पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली जंतर-मंतर पर भी धरना दिया था।राज्य बनने के बाद स्वर्गीय फरस्वाण का राज्य आंदोलनकारी के रूप में चिन्हीकरण किया गया। बताया कि वर्तमान में उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नही है।जिसे देखते हुए गुसाईं ने राज्य सरकार से आंदोलनकारी के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग की हैं। राज्य आंदोलनकारी के आक्समिक निधन पर चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के प्रदेश अध्यक्ष भुपेंद्र सिंह रावत ने भी श्रद्धांजली अर्पित की हैं।