ब्यूरो रिपोर्ट
विकासनगर। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर वीर शहीद केसरी चंद राजकीय महाविद्यालय डाकपत्थर मे एनएसएस के तत्वाधान में सुभारती अस्पताल एवं एचडीएफसी बैंक द्वारा संयुक्त रूप से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।जिसमें 180 स्वयंसेवियों ने रक्तदान में सहयोग दिया एवं 45 यूनिट रक्त एकत्र हुआ।रक्तदान शिविर का उद्घाटन करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जी आर सेमवाल ने कहा कि मनुष्य के जीवन को बचाने के लिए रक्त को एकत्रित करने का एकमात्र् उपाय रक्तदान है। अनेक कारणों से जैसे उन्नत सर्जरी के बढतें मामलों तथा फैलती जा रही बीमारियों से खून चढाने की जरूरत में कई गुना वृद्वि हुई है। ऐसे में रक्तदान सबसे बड़ा दान है।राष्ट्रीय सेवा योजना की वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ राजकुमारी भंडारी चौहान ने कहा कि जीवन बचाने के लिए खून चढाने की जरूरत पडती है, दुर्घटना, रक्तस्त्राव, प्रसवकाल और ऑपरेशन के लिए भी रक्त की अत्यंत आवश्यकता होती है।इसलिए अधिक से अधिक युवाओं को रक्तदान में सम्मिलित होना चाहिए।सुभारती अस्पताल से विकेंद्र सिंह कठैत ने कहा कि थेलेसिमिया, ल्यूकिमिया, हीमोफिलिया जैसे अनेंक रोगों से पीडित व्यक्तियों के शरीर को भी बार-बार रक्त की आवश्यकता रहती है। ऐसे लोगों को बार-बार रक्त चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए अस्पतालों में रक्त का होना अति आवश्यक है।सुभारती के डॉ हरीश शर्मा ने कहा कि आजकल चिकित्सा क्षेत्र में कॅम्पोनेन्ट थैरेपी विकसित हो रही है, इसके अन्तर्गत रक्त की इकाई से रक्त के विभिन्न घटकों को पृथक कर जिस रोगी को जिस रक्त की आवश्यकता हो उसे वहां रख दिया जा सकता है।इस प्रकार रक्त की एक इकाई कई मरीजों के उयोग में आ सकती है।इस अवसर पर प्रोफेसर आर एस गंगवार, डॉ राखी डिमरी, डॉ पूजा राठौर, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ डीके भाटिया, डॉ विनोद रावत डॉ नीलम ध्यानी, डॉ राकेश मोहन नौटियाल, यूथ रेड क्रॉस यूनिट के संयोजक डॉ अशोक कुमार, डॉ हरीश चंद्र, डॉ मंजू गौतम, डॉ हरीश शर्मा, अमन, पुलकित, राजेश मैखुरी, आदि लोग उपस्थित थे।