रिपोर्ट:कमल बिष्ट
पौड़ी गढ़वाल। स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में विकास भवन सभागार में परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत जनपद में प्रसव केंद्रों में तैनात चिकित्सकों व स्टाफ नर्स को एक दिवसीय इंजेक्टबल कांट्रेसेप्टिव इंजेक्शन अंतरा का प्रशिक्षण दिया गया।आयोजित प्रशिक्षण में प्रशिक्षक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ० रीता बमोला ने प्रशिक्षणार्थियों को अंतरा इंजेक्शन को प्रयोग में लाने की विधि, लाभार्थियों की काउंसलिंग, इंजेक्शन के प्रभाव व सावधानियां के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जनपद के सभी प्रसव केंद्रों में इस सेवा को प्रारंभ की जाएगी, वर्तमान में यह सेवा कुछ ही चिकित्सा इकाइयों के माध्यम से प्रदान की जा रही है। कहा कि परिवार नियोजन साधनों में यह इंजेक्शन पूरी तरह सुरक्षित व असरदार है, जो महिलाएं गर्भनिरोधक के अन्य साधनों का प्रयोग नहीं कर रही हैं वे इस विधि का प्रयोग कर सकती हैं। महिलाएं अनचाहे गर्भधारण से बचने के लिए हर 3 महीने में इस कांट्रेसेप्टिव इंजेक्शन का प्रयोग कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है लंबे समय तक अनचाहे गर्भ से बचाव के लिए इसे हर 3 महीने में प्रशिक्षित डाॅक्टर, स्टाफ नर्स, एएनएम से लगवाना आवश्यक है। इंजेक्शन लगवाने के तुरंत बाद प्रभावी हो जाता है। बच्चा होने के बाद यदि कोई महिला तुरंत गर्भवती नहीं होना चाहती तो प्रसव के डेढ़ माह बाद व माहवारी के दिनों में 1 से 7 दिन के बीच इंजेक्शन लगाया जा सकता है। प्रसव उपरांत इंजेक्शन लगाने के बाद मां के दूध और बच्चे पर इसका कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है। कहा कि यह सेवा शुरू करने से पहले प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा जांच करवाना आवश्यक है, इस गर्भनिरोधक के इस्तेमाल से पूर्व लाभार्थी की गोपनीयता सुनिश्चित की जाती है।प्रशिक्षण में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० पारुल गोयल, डॉ० पंकज सिंह, डॉ० रक्षा नेगी, आशीष रावत, आशा सिंह व अन्य उपस्थित थे।