कमल बिष्ट/उत्तराखंड समाचार।
कोटद्वार। उत्तराखंड लोक साहित्य एवं सांस्कृतिक मंच द्वारा आयोजित गोष्ठी में देवभूमि उत्तराखंड को नशा-मुक्त एवं युवाओं में नशे की बढ़ती हुई प्रवृति पर अंकुश लगाने हेतु ” नशा जीवन की दर्दशा ” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। नशे के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए उसके खिलाफ व्यापक जन अभियान चलाने की जरूरत बताई। नजीबाबाद रोड़ स्थित एक वेडिंग पॉइंट में आयोजित गोष्ठी का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि दिनों दिन समाज में नशे का बढ़ती प्रचलन, विवाह आदि शुभ अवसरों पर शराब परोसा जाना स्टेटस सिंबल बनता जा रहा है, जो एक सभी के लिए चिंताजनक विषय है। जो सभ्य समाज की निशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि नई युवा पीढ़ी को नशे की गर्त में जाने से बचाने हेतु अभिभावकों को सार्थक पहल करनी होगी। हमें जैसा समाज चाहिए वैसा स्वयं भी बनकर दिखाना होगा। विशिष्ट अतिथि खंड शिक्षा अधिकारी दुगड्डा अमित कुमार चंद्रा ने कहा कि नशे को दूर करने के लिए हमें आज से ही प्रयास करना होगा। लोक साहित्य एवं सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष प्रसिद्ध समाजसेवी सत्य प्रकाश थपलियाल ने कहा कि किसी भी प्रकार का नशा व्यक्ति को बर्बाद कर देता है, इसलिए शराब तंबाकू आदि मादक पदार्थों से पर्याप्त दूरी बनाना नितांत जरूरी है।आयोजित कार्यक्रम के दौरान जीआईसी कोटद्वार, जीजीआईसी कोटद्वार व आर्य कन्या इंटर कॉलेज की छात्राओं ने नशे के खिलाफ प्रभावपूर्ण सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी। इस दौरान विभिन्न संस्थाओं की तरफ से मुख्य अतिथि को सम्मानित भी किया गया। संगोष्ठी में संस्था के अध्यक्ष सेनि. कैप्टन पी.एल. खंतवाल, सुदर्शन सिंह बिष्ट, विजय लाखेड़ा, जीआईसी कोटद्वार के प्रधानाचार्य मुकेश रावत सहित संस्था के सदस्य आदि मौजूद रहे। कार्मक्रम अध्यक्षता प्रकाश कोठारी ने की एवं गोष्ठी का संचालन संस्था के महासचिव अजय पाल सिंह रावत ने किया।