रिपोर्ट- सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
विश्व प्रसिद्ध 11 वें ज्योत्रिलिंग श्री केदारनाथ धाम में रक्षाबंधन से एक दिन पहले भतूज,यानि अन्नकूट उत्सव के दौरान बाबा केदार को नये अनाज का भोग लगाया जाता है।
जिसकी बीकेटीसी के साथ साथ समस्त तीर्थ पुरोहितों, हकहकूकधारियों द्वारा तैयारियां शुरू हो चुकी है।वहीँ आज भगवान के रात्रि को भी दर्शन किये जाने हैं आपको बता दें कि भतूज- अन्नकूट मेले को लेकर पौराणिक मान्यता है कि नए अनाज में पाए जाने वाले विषैले पदार्थों को भोले बाबा स्वयं ग्रहण करते हैं,इसके बाद सभी नए अनाजों से भी विषैले रोग समाप्त हो जाते हैं। केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया कि अन्नकूट-भतूक उत्सव का बड़ा महत्व है
रक्षाबंधन से एक दिन पहले केदारनाथ मंदिर में रात्रि की आरती के बाद सबसे पहले मन्दिर के मुख्य पुजारी भगवान शिव के स्वयंभू लिंग की विशेष पूजा अर्चना करने के बाद पके चावलों,के साथ झंगोरा,कौणी, आदि का लेप लगाकर स्वयंभू लिंग का श्रृंगार करते हैं।वहीं सुबह चार बजे के बाद स्वयंभू लिंग पर लगे पके चावलों के लेप को उतारकर मंदाकिनी नदी में प्रवाहित किया जाता है। वहीँ कल सोमवार को रक्षाबंधन की शुभ बेला से पहले भगवान केदारनाथ मन्दिर की साफ-सफाई करने के बाद विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी,जिसके बाद भक्त बाबा के पुनः दर्शन करेंगे। इस अवसर पर बीकेटीसी के अधिकारी,कर्मचारी,तीर्थ पुरोहित, केदारसभा,एंव हकक्कूकधारीयों सहित श्रद्धालु मौजूद रहेगें।