हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट
थराली। बधाण की नंदादेवी राजराजेश्वरी की लोकजात यात्रा इस वर्ष चुनौती भरी हों सकती हैं।इसका बड़ा कारण करीब 200 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग के दैवी आपदा के कारण अस्त-व्यस्त पड़ा होना हैं। बीते 23 अगस्त को नंदा सिद्धपीठ कुरूड़ से बधाण की नंदा राजराजेश्वरी की लोकजात यात्रा का शंखनाद हो चुका हैं। यात्रा नंदानगर के अग्रेत्तर पड़ावों की ओर बढ़ते चली जा रही हैं। नंदा की लोकजात यात्रा कैलाश यात्रा के तहत आगामी 30 अगस्त को नंदानगर विकासखंड की सीमा को छोड़ कर पिंडर घाटी के थराली प्रखंड के अंतर्गत कोलपुड़ी गांव पहुंचेगी। यहां से यात्रियों को यात्रा मार्ग के अस्त-व्यस्त पड़ें होने से यात्रियों को यात्रा करने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं। 31 को यात्रा कोलपुड़ी से बूंगा गांव के गोपटारा पहुंचेगी इस यात्रा मार्ग के ठीक होने के चलते अधिक परेशानी नही उठानी पड़ेगी।जब नंदा की यात्रा अपने 11 वें पड़ाव सूना से तीन सितंबर को अपने 12 वें पड़ाव चेपड़ो गांव को रवाना होगी तो नंदा की उत्सव डोली सहित यात्रियों को प्रमाणित नदी पार करवा कर थराली नगर क्षेत्र में लाना एक बड़ी चुनौती साबित होगी। दरअसल इस पिछले साल के मानसून के दौरान थराली पैनगढ़ मोटर सड़क पर प्राणमती नदी के ऊपर बना मोटर पुल, दशकों पहले एवं लोकजात यात्रा एवं 12 वर्षों में आयोजित होने वाली श्री नंदादेवी राजजात यात्रा मार्ग का दशकों पहले निर्मित लोह सेतु पैदल पुलिया आपदा की भेट चढ़ गए थें। इस बरसात में पैनगढ़ सड़क पर ही प्राणमती नदी ने बह गए पुल से आगे बनी आरसीसी पुलिया को भी बहा दिया हैं। वर्तमान में चल रहे चतुर्मास में ग्रामीणों एवं लोनिवि थराली के द्वारा पैदल आवागमन के लिए दो महीनों के दौरान 5 बनाएं गऐ लकड़ी के पुल, निर्माणाधीन बैलीब्रज को नदी अपने साथ बहा ले गई हैं।इस नदी को आरपार करने के लिए स्थापित की जा रही मैनवल ट्राली के कारण थराली गांव के एक युवक की मौत के चलते इस का निर्माण भी अपेक्षित गति से नही हो पा रहा हैं। यात्रा के दौरान जब यात्रा देवाल विकासखंड के फल्दिया गांव जो कि 15 वें पड़ाव से 7 सितंबर को 16 वें पड़ाव मुन्दोली गांव के लिए जाएगी तो बगड़ीगाड़ गदेरे के कारण अस्त-व्यस्त हो चुकें मार्ग से गुजरने में भारी परेशानी सामने आ सकती हैं। 8 सितंबर को मुन्दोली से यात्रा जब आपने 17 वें पड़ाव लाटू धाम वांण के लिए रवाना होगी तो आपदा के कारण थराली -देवाल-वांण राजजात यात्रा राजमार्ग के किमी 37 लोहाजंग -कुलिंग गांव के बीच में आपदा की वजह से 40 मीटर लंबाई में सड़क वाशआऊट हो गई हैं अभी तक इस स्थान पर स्थाई आवाजाही के लिए भी पैदल रास्ता नही बन पाया है। 10 सितंबर को वेदनी बुग्याल में सप्तमी की जात (नंदा की विशेष पूजा) के बाद जब यात्रा वापसी के अपने 19 वें पड़ाव बांक पहुंचेगी तो भी यात्रियों को उबड़-खाबड़ रास्तों के कारण काफी दिक्कतें उठानी पड़ सकती हैं।अभी जबकि आए दिन इस क्षेत्र में अतिवृष्टि हो रही हैं, और नदी नाले कहर बरपा रहें हैं तो यात्रा में और कठिनाईयां सामने आ सकती हैं।