रिपोर्ट – सत्यपाल नेगी/रूद्रप्रयाग।
रूद्रप्रयाग: भारतीय लोकतंत्र की सदीयों पुरानी पहचान रही है कि जब भी कोई भारत की इस दिव्य धरा से चाहे वो राजनीतिक सता -विपक्ष से हो या संत,राजा-महाराजा,राजनेता उद्योगपति,विदेशी धरती पर कदम रखते हों,और जब भी भारत की इस पुण्य भूमि से कोई विदेश गया चाहे वो स्वामी विवेकानंद हो, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई हो, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी हो,चाहे उघोगपति अडानी-अम्बानी और टाटा, बिरला से लेकर भारत देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो,सबकी विदेश यात्राओं मे एक चीज कॉमन रहती है और वह यह है कि सबने विदेशी धरती पर जाकर पूरे विश्व के मानचित्र पर भारत भूमि की दिव्यता-भव्यता व संस्कृति के गौरव का लोहा मनवाया है। इसमें चाहे वो स्वामी विवेकानंद जी के अध्यात्मिक ज्ञान के द्वारा हो, या चाहे अटल- इंदिरा की ऊँचे राजनैतिक ख़यालों से हो,चाहे अडानी-अम्बानी- टाटा के नए-नए बिजनेस आइडियाज के माध्यम से हो या फिर देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुशल-नेतृत्व क्षमता से हो। आपको बताते चलें कि हमारे देश के नेता प्रतिपक्ष एंव कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता देश के संसद सदस्य राहुल गांधी ने विदेशी धरती में जाकर आजकल जो बयान दिए उसको लेकर आरोप प्रत्यारोप बढ़ता जा रहा है। विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम की पवित्र धरती से भी अब राहुल गांधी के बयान पर वरिष्ट तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती ने भी दुखी होकर बताया कि भारत देश के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जिस तरह यू०एस० में जाकर के देश के प्रधानमन्त्री,अन्य राजनेताओं और चुनाव आयोग के विषय में अभद्र टिप्पणीया कर रहे है वह अत्यंत शर्मनाक है,विपक्ष के नेता का कार्य यह होता है कि वह देश की सीमा के अंदर उन नीतियों का विरोध करें,जो जनता के पक्ष मे न हो,न कि विदेश जाकर अपने देश के राजनेताओं के विषय मे अभद्र टिप्पणीया करें, उन्होनें कहा कि जब कांग्रेस पार्टी की अपनी सत्ता के दौरान आपके द्वारा जो गलत कृत्य किए गये उनको छुपाने के चक्कर मे आप विदेशों में अपने देश के राज नेताओं पर कीचड उछाकर क्या देश प्रेम दिखाना चाहते हैं। जबकि पूरा विश्व भारत की विदेश नीति और राष्ट्रीय दलों की विदेशी धरती पर देश के प्रति एकता का कायल रहा है, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण स्व अटल बिहारी वाजपेई जी रहे जिन्होंने नेता प्रतिपक्ष का परिचय देकर देश की सरकार का समर्थन करते हुए विश्व को भारत देश की एकता का सन्देश दिया था।