रोबिन वर्मा/उत्तराखंड समाचार।
देहरादून। मासिक धर्म यानी माहवारी एक ऐसा विषय है जिसके संबंध में आज भी हमारे समाज में खुलकर बात नहीं की जाती है। मासिक धर्म की प्रकिया से गुजरने वाली लड़कियां भी इस पर खुलकर बोलने में शर्माती हैं। जिससे इसके संबंध में लोगों का ज्ञान आधा-अधूरा ही है। इसका परिणाम यह है कि महिलाओं और किशोरियों को माहवारी के दौरान तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन्ही चुनौतियों को दूर करने के लिए पीपीएफआई (पीपल फॉर पीपल फाउंडेशन) संस्था द्वारा अर्श कन्या गुरुकुल पाठशाला में माहवारी सम्बंधित जागरूकता एवं सैनिटरी पैड कार्यक्रम आयोजित किया गयाजिसमें संस्था की टीम ने युवा लड़कियों से सवाल पूछे और उन्हें मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में शिक्षित करने की पूरी कोशिश की। संस्था के द्वारा बताया गया कि 3 लड़कियों के लिए डॉक्टर की अपॉइंटमेंट निर्धारित की हैं, जिन्हें महीनों से मासिक धर्म में समस्या हो रही है और वे डॉक्टर के पास जाने या इलाज कराने में सक्षम नहीं हैं। संस्था की ओर से कार्यक्रम में अर्श कन्या गुरुकुल कि छात्राओं को मासिक धर्म से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को समझाया, मासिक धर्म से जुड़ी कुछ जानकारियां छात्राओं को देकर उन्हें सहज किया। संस्था ने माहवारी के दौरान प्रयोग किए जाने वाले सेनिटरी नैपकिन के बारे में भी विद्यार्थियों को बताया साथ ही पैड को किस प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है इसकी जानकारी छात्राओं को दी। पीपीएफआई संस्थापक पंखुड़ी शर्मा ने बताया कि अर्श कन्या गुरुकुल लड़कियों के लिए एक बोर्डिंग हाउस (जिनमें से कुछ अनाथ हैं), 50-60 लड़कियों को रखता है और उन्हें शिक्षित करता है। एक समय में यहाँ कुल 300 लड़कियाँ रहती थीं और पढ़ती थीं, लेकिन धन की कमी के कारण वह केवल अब इतनी ही लड़कियों का भरण-पोषण कर पा रहे हैं। हमारा उद्देश्य इन युवा लड़कियों को अच्छी शिक्षा के साथ अन्य आवश्यकताओं को पूरा करना है ।