डोईवाला (प्रियांशु सक्सेना)। संस्कार भारती के 24वें हास्य कवि सम्मेलन में कवियों ने व्यंग्य का गुलाल जमकर उडाया। वर्तमान राजनीति एवं होली पर कविताओं ने लोगों को लोटपोट कर दिया। मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि होली प्यार और सौहार्द का पर्व है जिसमें ऐसे आयोजन इसकी सार्थकता को बढ़ाने का काम करते हैं। सोमवार को होली पर्व पर देहरादून रोड़ स्थित अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित हास्य कवि सम्मेलन में पहुंचे कवियों ने अपनी रचना पाठ से श्रोताओं को गुदगुदाने का कार्य किया। कवित्री महिमा ने खत पढ़ना उनका और सीने से लगाना, फोन के इस दौर में वह बात नहीं है सुनाकर संबंधों में आ रही दूरी को बयां करने का कार्य किया। कवि किसलय क्रांति ने अपनी रचना तुम ही लक्ष्मी तुम ही दुर्गा अंबा और भवानी हो, मिटा दो दुश्मनों को तुम ऐसी शक्ति हो सुन कर मातृ शक्ति की वंदना की। युवा कवि श्रीकांत शर्मा ने अपनी वीर रस की कविता भारती की आन बान शान के लिए गीत गा रहा हूं सुना कर खूब तालियां बटोरी। रुड़की के कवि राजकुमार राज ने अपनी कविता नए भारत को दुश्मनों से बचाना होगा नई पीढ़ी को उनका पता बताना होगा सुनाकर वर्तमान पीढी को भविष्य के बारे में बताने की बात कही। कवि रोशन लाल हरियाणवी ने अपनी व्यंग्य कविताओं से माहौल में हास्य का रंग भर दिया, उनकी कविता “चंद लम्हे मैं खुशियों के लेकर आया हूं घरवाली के पैर छूकर आया हूं “पर लोग लोटपोट नजर आए। कवि योगेश अग्रवाल ने अपनी कविता से वर्तमान जीवन के तनाव की और इंगित करने का कार्य किया।विधायक बृजभूषण गैरोला में कहा कि त्योहार हमें आपस में जोड़ने का काम करते हैं और होली तो प्रेम और उत्साह का पर्व है जिसे सभी को साथ मिलकर मानना चाहिए। उन्होंने काव्य पाठ के लिए पहुंचे कवियों को पटका पहनकर और स्मृति चिन्ह देकर उन्हें सम्मानित किया। इस मौके पर राजेंद्र तडियाल, विक्रम नेगी, राजन गोयल, सुमेर चंद रवि, राकेश पंडित, ईश्वर चंद्र अग्रवाल, अश्वनी गुप्ता, महेश गुप्ता, संपूर्णानंद थपलियाल, आशा कोठारी,उमेद सिंह नेगी, विनय जिंदल, अनीता अग्रवाल, बॉबी शर्मा, सियाराम गिरी, नरेंद्र गोयल आदि मौजूद थे।