रिपोर्ट – सत्यपाल नेगी /रूद्रप्रयाग।
रूद्रप्रयाग: जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने श्री केदारनाथ धाम से गौरीकुंड तक यात्रा मार्ग का पैदल निरीक्षण कर व्यवस्थाओं एवं तैयारी का जायजा लिया।यात्रा मार्ग पर सेंचुरी एरिया एवं वन क्षेत्र में घोड़े-खच्चरों की लीद से घास के मैदान एवं वन संपदा को हो रही क्षति पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने पूरे यात्रा मार्ग में घोड़े-खच्चरो के रात्रि विश्राम को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके साथ ही संवेदनशील एवं डेंजर जोन में किसी भी हाल में दुकान एवं फड़ न लगने देने के निर्देश भी संबंधित विभागों को दिए। जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने सोमवार को श्री केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का निरीक्षण करते हुए संबंधित एजेंसियों से प्रगति रिपोर्ट जानी।इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर से लेकर गोल चबूतरे,मंदाकिनी एवं सरस्वती घाट पर चल रहे निर्माण कार्यों के अलावा अन्य निर्माण कार्य का जायजा लेते हुए आगामी यात्रा से पहले सभी प्राथमिक सुविधाएं दुरुस्त करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए।इसके साथ ही आस्था पथ,वाटर एटीएम सहित अन्य कार्य भी यात्रा शुरू होने से पहले पूर्ण करने के निर्देश दिए।इसके बाद गौरीकुंड तक यात्रा मार्ग का पैदल निरीक्षण कर बिजली-पानी,स्ट्रीट लाइट,रेन शेड,रेलिंग एवं मार्ग से जुड़े सभी कार्य यात्रा शुरू होने से पहले पूर्ण करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए। जिलाधिकारी ने यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की लीद से घास के मैदान एवं वन संपदा को हो रही क्षति की भरपाई एवं सेंचुरी क्षेत्र की सुरक्षा के लिए गौरीकुंड से लेकर श्री केदारनाथ धाम स्थित घोड़ा पड़ाव तक घोड़े-खच्चरों के रात्री विश्राम पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही टेंट या दुकानों की आड़ में भी घोड़े-खच्चरों को यात्रा मार्ग पर रुकने की अनुमति नहीं होगी।बताया कि माननीय न्यायालय ने सेंचुरी क्षेत्रों में घास के मैदानों का दोहन किसी भी हाल में न होने देने के आदेश दिए हैं। ऐसे में श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चर एवं उनके मालिकों द्वारा अवैध रूप से नियमों का उल्लंघन कर वन संपदा के दोहन को रोकने के लिए यह निर्णय लिया जा रहा है।इस वर्ष से घोड़े-खच्चर केवल घोड़ा पड़ावों पर ही विश्राम कर सकेंगे। इन नियमों का उल्लंघन करने वाले घोड़े-खच्चर मालिकों एवं व्यवसाइयों पर भारी जुर्माना एवं लाइसेन्स रद्द करने तक की कार्रवाई का प्रावधान रखा जाएगा।जिलाधिकारी ने घोड़े-खच्चरों एवं उनके मालिकों की सुविधा के लिए छोटी लिंचोली के समीप घोड़ा पड़ाव बनाने का प्रस्ताव भी तैयार करने के निर्देश लोनिवि को दिए हैं।ताकि अवैध जगहों के स्थान पर प्रशासन द्वारा बनाए जा रहे सुविधाजनक स्थानों पर घोड़े-खच्चर रह सकें। जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवाड़ एवं राजस्व विभाग को संयुक्त रूप से पूरे यात्रा मार्ग का निरीक्षण कर रोजगार की दृष्टि से महत्पूर्ण स्थानों को चिह्नित करते हुए दुकान एवं टेंट के लिए प्रस्तावित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही संवेदनशील एवं डेंजर जोन चिन्हित करने के निर्देश देते हुए सभी स्थानों पर साईनेज लगाने एवं ऐसे स्थानों पर किसी भी हाल में दुकान एवं फड़ न लगने देने के निर्देश भी संबंधित विभागों को दिए।पैदल निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने स्वयं एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मिलकर प्लास्टिक की बोतल सहित अन्य प्लास्टिक कचड़ा भी एकत्रित करना शुरू किया।स्वच्छता अभियान के दौरान गौरीकुंड तक करीब 50 किलो कुड़ा एकत्रित कर कलेक्शन सेंटर में लाया गया। जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन अधिकारी को सुलभ इंटरनेशनल के साथ मिलकर गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक वृहद स्वच्छता अभियान चलाते हुए सभी प्लास्टिक कचड़ा गौरीकुंड कलेक्शन सेंटर पहुंचाने के निर्देश देते हुए नियमित प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती,जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवाड़,लोनिवि एवं सुलभ इंटरनेशनल के कर्मचारी मौजूद रहे।