लक्ष्मण सिंह नेगी
जोशीमठ/चमोली। विजला कोट पोखरी ब्लॉक से 6 माह से चल रही रावल देवता एवं लाटू की डोली पंच केदार कल्पेश्वर के दर्शन कर भर्की भूमियाल देवता से मिलन के वाद भेंटा पिलखी ग्वाणा अरोसी गांव मैं देव भेंट के बाद आज डोली थैंग गांव पहुंच गई है जगह-जगह गांव में ग्रामीणों के द्वारा देव ड़ोली का भव्य स्वागत किया जा रहा है।
कल्प क्षेत्र उर्गम घाटी के एक दर्जन से अधिक गांव में यात्रा पहुंची है जहां पर पंच बद्री के ध्यान बद्री मंदिर में भी इस देव ड़ोली ने दर्शन किए । रावल देवता की रथ यात्रा में 35 से अधिक लोग सम्मिलित हैं यह लोग हर दिन सिर्फ शाम को ही भोजन प्रसाद ग्रहण करते हैं और नंगे पैदल यात्रा करते हैं इसके साथ प्रातः स्नान करते हैं रावल देवता की यात्रा भ्रमण में 6 माह पूरे हो गए हैं सैकड़ो गांव का भ्रमण कार्यक्रम करके देवड़ोली 12 मई को श्री बद्रीनाथ धाम के कपाटों उद्घाटन के समय पर श्री बद्रीनाथ के दर्शन करेंगे और यहां तप्त कुंड में स्नान करने के बाद यात्रा माणा मणिभद्र पुरम में भी दर्शन के लिए जाएगी उसके बाद वापस लौट जाएगी और कपीरी पट्टी में एक दर्जन से अधिक गांव में यात्रा भ्रमण कार्यक्रम करने के बाद विजला कोट गांव में पहुंचेगी वहां पर 9 दिनों तक भागवत महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा कुछ भक्तों के द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। उसके बाद रावल देवता अपने स्थान पर विराजमान हो जाएंगे रावल देवता के मंदिर समिति के अध्यक्ष बोवी पंवार कहते हैं कि देव यात्रा में पैदल यात्रा का महत्व बहुत ज्यादा है जगह-जगह पर संस्कृति के कई रूप रंग और ढंग मिलते हैं देवभूमि के दर्शन होते हैं और कई जगह की संस्कृति से रूबरू होने का अवसर मिलता है यही लोग जीवन है। उन्होंने बताया कि हमने पूरे क्षेत्र का यात्रा विवरण भी संकलन किया है। जो आने वाली पीढ़ी के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होगा।