विकासनगर। एकलव्य मॉडल रेजिडेन्शियल स्कूल कालसी, देहरादून में तीन दिवसीय कार्यशाला का सफल समापन किया गया। विद्यालय में छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए इस प्रकार की कार्यशाला का आयोजन हर वर्ष होता है। इस वर्ष की कार्यशाला के मुख्य विषयों में थियेटर,स्केचिंग, मूर्ति कला, मुखौटा बनाना, टोकरी बनाना, ढोल दमांऊ वादन, बांसुरी वादन, जल चित्रकारी, बोतल चित्रकारी, होली रंग बनाना, एपण कला सम्मिलित हैं।इस कार्यशाला के लिए संबन्धित विषय के विशेषज्ञों में विद्यालय के शिक्षकों के साथ बाहर से भी विषय विशेषज्ञों को आमन्त्रित किया गया जिसमें श्रीमती रत्ना उपाध्याय (बॉटल आर्ट), निदेशक संभव कलामंच श्री अभिषेक मैंदोला (थियेटर), विरेन्द्र राणा (मूर्ति कला), निशांत पंवार, नीरज कुमार एवं प्रिंस कुमार (स्केचिंग), अंशुल कश्यप एवं कपिल कुमार (जल चित्रकारी), शकुन पुन एवं गुड्डी देवी (होली रंग बनाना), बिन्देशरी देवी एवं उपासना राणा (टोकरी बनाना), रिपुल वर्मा एवं प्रियांशी पोखरियाल (मुखौटा बनाना), दिव्या वर्मा (एपण कला), सरजू कुमार (बांसुरी वादन), मायाराम वर्मा (ढोल दमांऊ वादन) सम्मिलित रहे।
कार्यशाला के तीसरे और अंतिम दिन समापन समारोह का आयोजन किया गया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में महावीर सिंह बिष्ट, शिक्षा निदेशक उत्तराखंड एवं विशिष्ट अतिथि श्री के० एस० चौहान, संयुक्त निदेशक, सूचना विभाग उत्तराखंड को आमंत्रित किया गया। सर्वप्रथम विद्यालय प्राचार्या श्रीमती सुधा पैन्यूली के द्वारा पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिह्न देकर मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि का स्वागत किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा तीन दिवसीय कार्यशाला में सीखे गए कार्य की लगाई गयी प्रदर्शनी में मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि द्वारा भ्रमण किया गया जिसमें विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई सुंदर एवं मनमोहक एपण चित्रकला, बॉटल आर्ट, हर्बल होली रंग, हस्त निर्मित टोकरी. मुखौटे, महापुरूषों के स्केच, मूर्तिकला में बनाई गई विभिन्न आकर्षित कलाकृतियों का प्रस्तुतीकरण किया गया। तत्पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने स्वागत गीत ‘ज्योति कलश’ की मनमोहक प्रस्तुति दी इसके उपरान्त कार्यशाला मे सीखे गए ढोल दमांऊ वादन प्रस्तुति, थियेटर में छात्र-छात्राओं द्वारा सोना’ कहानी का नाट्य मंचन किया गया।
कार्यक्रम के अंतर्गत अपने संबोधन में प्राचार्या श्रीमती सुधा पैन्यूली ने सर्वप्रथम विद्यालय आगमन पर मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं कार्यशाला के संयोजकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कहा कि विद्यार्थियों द्वारा इस प्रकार की कार्यशाला में प्रतिभाग करने से उनकी छिपी हुई प्रतिभा निखरकर सामने आती है जिससे उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। तत्पश्चात मुख्य अतिथि जी ने वक्तव्य में विद्यार्थियों द्वारा सीखे गए विभिन्न कौशलों एवं सुंदर कलाकृतियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने विद्यालय के स्वच्छ एवं प्राकृतिक वातावरण की प्रशंसा करते हुए उन्होंने सभी को अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपना योगदान देने की बात कही। कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए विषय विशेषज्ञों को मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया। विशिष्ट अतिथि ने वक्तव्य में कहा कि ये कार्यशाला निश्चित रूप से विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साबित होगी। इस प्रकार की कार्यशाला से छात्रों में सृजनात्मकता का विकास होता है। कार्यक्रम का मंच संचालन विद्यालय शिक्षिका वर्तिका बिष्ट द्वारा किया गया। इस अवसर पर समस्त विद्यालय परिवार उपस्थित रहा।