फोटो– संस्कृत महाविद्यालय ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। संस्कृत विद्यालयों में कार्यरत शासकीय शिक्षकों को फरवरी माह से वेतन नहीं मिल सका। पहले देवस्थानम बोर्ड गठन के और बाद लॅाकडाउन के कारण विगत तीन माह से वेतन नहीं मिल पाया है।
दरसअल बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अब देवस्थानम बोर्ड के प्रबंधन मंे संचालित जनपद चमोली, जनपद रूद्रप्रयाग तथा देवप्रयाग के संस्कृत महाविद्यालयों व विद्यालयों में कार्यरत शासकीय शिक्षको का वेतन आहरण ही नहीं हो पा रहा है। इन शिक्षको को वेतन संबधित जनपद के मुख्य शिक्षाधिकारी जो सहायक निदेशक संस्कृत भी है के द्वारा ही जनरेट कर संबधित विद्यालयों को भेजा जाता है। और संबधित विद्यायल के प्रधानाचार्य द्वारा इस वेतने विल पर प्रंबधक/सीईओ देवस्थानम बोर्ड के हस्ताक्षर करवाते हैं और उसी के बाद वेतन आहरण हो सकता है। लेकिन पहले देवस्थानम बोर्ड के गठन की प्रक्रिया व बाद मे कोविड-19 के कारण संस्कृत के इन अध्यापको का वेतन आहरण नही हो सका।
हाॅलाकि कोविड-19 के तहत भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार किसी भी कार्मिक का वेतन नहीं रोका जा सकेगा वावजूद इसके इन जनपदों के संस्कृत महाविद्यालयों मे कार्यरत बीस से अधिक शिक्षकांे को फरवरी माह से वेतन नहीं मिल सका है। इन अध्यापकांे को भी अपने पाल्यों के पठन-पाठन की ब्यवस्था के साथ ही मकानों का किराया भुगतान भी करना है। लेकिन विन वेतन के ये लोग नही कर पा रहे है। इसके अलावा फरवरी महीने मे आयकर जमा करने के कारण भी इन शिक्षको की आर्थिक स्थिति बेहद चिंतनीय बनी हुई है।
उम्मीद की जानी चाहिए राज्य का संस्कृत शिक्षा निदेशालय व देवस्थानम बोर्ड संस्कृत शिक्षा को बढावा देने मे लगे इन शासकीय शिक्षको की स्थिति को समझेगा और कोविड-19गाइडलाइन के अनुसार इनका वेतन भी आहरण कर सकेगा।
संपर्क करने पर संस्कृत शिक्षा निदेशक शिव प्रसाद खाली ने बताया कि इन शिक्षको के वेतन आहरण किए वैगर ही बजट शासन को वापस कर दिया गया था। अब अगले एक-दो दिनो मे निदेशालय से बजट आवंटित किया जा रहा है। उसके बाद ही वेतन आहरण किया जा सकेगा।












