प्रकाश कपरूवाण -ं जोशीमठ।
- 14 दिनों के बाद भी नही पंहुच सके 180 मीटर टी-ंप्वाइंट पर।
- अब टनल मेतीसरे पंप को लगाए जाने की कवायद।
- टनल मे सात फरवरी के दिन से इसी टी-ंप्वाइट पर कार्य कर रहे थे मजदूर व कार्मिक।
एनटीपीसी की 520 मेगावाट की प्रस्तावित विद्युत परियोजना की टनल मे फॅसे मजदूरो को खोजने के कार्यो को दो सप्ताह पूरे हो गए हैं। लेकिन अभी भी उस रहस्यमय टी-ंप्वाइंट तक नही पंहुचा जा सका है। जिसक प्रमुख कारण टनल के अन्दर बेहताशा मलबा व पानी की अत्यधिक मात्रा का होना बताया जा रहा है। शनिवार को पंप से पानी बाहर निकालने का काम तो जारी रहा जो नाकाफी रहा अब टनल के अन्दर तीसरे पंप को फिट किए जाने की कवायद की जा रही है। टनल के अन्दर पानी ज्यादा होने से शनिवार को आगे नही बढ़ा जा सका।
बीते रोज जिस 165मीटर पर थे उसी पर शनिवार को खडे रहे। बेहताशा पानी निकलने के कारण कार्य किए जाने मे भी राहत व बचाव कर्मियों को खासी दिक्कतो का सामना करना पड रहा है। सुरंग के अन्दर दो सप्ताह से राहत एवं बचाव कार्यो मे जुटी सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, व एसडीआरएफ भी चाहती तो है कि जल्द से जल्द टारगेट तक पंहुचकर दिए गए टास्क को समाप्त किया जाय। लेकिन पानी व मलबा उनको टारगेट एचीव करने मे रूकावट बन रहा है।
हाॅलाकि अब तीसरा पंप भी लगाया जा रहा है उसके बाद उम्मीद करनी ही चाहिए कि राहतकर्मी उस 180मीटर टी-ंप्वाइंट तक पंहुच सकेगे। इधर जिलाधिकारी ने शनिवार को टनल साइट व रैणी साइट का निरीक्षण कर कैप कार्यालय लालबाजार-ंउचयमरेग मे अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होने सभी कार्यदायी संस्थाओ से राहत एवं बचाव के लिए किए जा रहे कार्यो की विस्तृत जानकारी ली।
इस समीक्षा बैठक मे पुलिस कप्तान यशवन्त चैहान के अलावा सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, एसडीआरएफ,एनटीपीसी, बीआरओ, व राहत एंव बचाव कार्यो मे लगे सभी विभागो के विभागाध्यक्ष मौजूद रहे।