रिपोर्ट-सत्यपाल नेगी-रुद्रप्रयाग
रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल से कुछ विभागों को शंकराचार्य माधवाश्रम अस्पताल कोटेश्वर में शिफ्ट किया जा रहा है। जिसके चलते यहां मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण भी शुरू हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ लोग निजी स्वार्थों के चलते जिला चिकित्सालय को यहां संचालित करने का विरोध कर रहे हैं। जबकि कोरोना काल में यहां पूरे जनपद के लोगों का उपचार हुआ था। उस दौरान किसी ने भी यहां हॉस्पिटल संचालित होने का विरोध नहीं किया था।
तो वहीं जिला अस्पताल मे शिप्टिंग को लेकर धरना जारी हैं’
आपको बता दे पूर्व में शंकराचार्य माधवाश्रम महाराज ने कोटेश्वर क्षेत्र में कोटेश्वर मंदिर के महंत शिवानन्द गिरी व स्थानीय लोगों की मदद से हॉस्पिटल के लिए 50 नाली भूमि चिन्हित करवाई। यह भूमि स्थानीय लोगों व कोटेश्वर मंदिर की निजी भूमि थी। जिसके बाद यहां करोड़ों की लागत से हॉस्पिटल का निर्माण किया गया। जिला प्रशासन, स्वास्थ्य व शंकराचार्य हॉस्पिटल समिति के सदस्यों की सहमति पर अस्पताल को प्रशासन के सुपुर्द किया गया। किन्तु जब भी हॉस्पिटल को यहां स्थानान्तरित करने की प्रक्रिया शुरू की गई, तब कुछ न कुछ अड़चनें सामने आई। साथ ही इससे पूर्व दो वर्षों तक कोरोना महामारी में शंकराचार्य हॉस्पिटल को स्वास्थ्य महकमे द्वारा कोविड हॉस्पिटल बनाया गया। यहां जिले सहित अन्य क्षेत्रों के हजारों कोरोना मरीजों का उपचार भी किया गया। जिसके चलते इस हॉस्पिटल ने लोगों के लिए संजीवनी का कार्य किया।
वहीं स्थानीय जनता का कहना कि अब जिला चिकित्सालय के कुछ विभगों को यहां शिफ्ट किया जा रहा है। जिसका कुछ लोग विरोध भी कर रहे हैं। किन्तु स्थानीय जनता का कहना है कि यहां पार्किंग, आधुनिक सुविधा युक्त आईसीयू, ऑक्सिजन प्लांट, मरीजों को एक मंजिल से दूसरी मंजिल तक जाने के लिए लिफ्ट सहित अनेक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
पूर्व सभासद पंकज बुटोला ने कहा कि हॉस्पिटल निर्माण के लिए हम लोंगो ने 50 नाली जमीन सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाई। जिसके बाद यहां सभी सुविधाओं युक्त हॉस्पिटल बनने जा रहा है। किंतु अब कुछ लोग निजी स्वार्थ के लिए विरोध कर रहे हैं जो गरीब जनता के साथ कुठाराघात करना जैसा है।’
’सभासद उमा देवी ने कहा कि यहां पर हॉस्पिटल में जांच शुरू हो गयी है। जो पूरे रूद्रप्रयाग की जनता के लिए खुशी का विषय है। जो लोग विरोध कर रहे हैं, उन्हें कोरोना महामारी में जब यहाँ कोविड हॉस्पिटल बनाया जा रहा था, तब भी विरोध करना चहिए था। उन्होंने कहा कि जो लोग विरोध कर रहे हैं, वो बीमार होने पर देहरादून के बड़े अस्पतालों में अपना इलाज करते हैं। कहा कोटेश्वर हॉस्पिटल हाईटेक हॉस्पिटल बनाया जा रहा है, जो कुछ लोगों को हजम नहीं हो रहा है। हम ऐसे लोंगो का विरोध करते हैं।