थराली से हरेंद्र बिष्ट।
उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है और सूबे का स्वास्थ्य महकमा कोरोना से निपटने के लिए जी जान से जुटा हुआ है। इस कोरोना काल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ओर जेड सिक्योरिटी के तहत तमाम चिकित्सालयों में चिकित्सा सेवाएं दे रहे स्वास्थ्य कर्मी सरकार के द्वारा अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर इन दिनों आंदोलित हैं। कर्मी इन दिनों अपनी बाहों पर विरोध स्वरूप काली पट्टी बांध कर आधे दिन ही स्वास्थ्य केन्द्रों अथवा फील्ड में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जबकि 31 मई तक सरकार के द्वारा मांग पर सकारात्मक रूख नही दिखाने पर 1 जून से अपनी सेवाएं देना बंद करने के साथ ही होम आइसोलेशन में चले जाने की घोषणा से स्वास्थ्य सेवाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना बढ़ गई है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य के सभी बड़े एवं छोटे चिकित्सालयों में एनएचएम एवं जेड सिक्योरिटी के तहत सैकड़ों की चिकित्सकों के साथ ही अन्य स्टाफ तैनात हैं, जिन पर पिछले एक वर्ष से अधिक समय से जारी कोरोनावायरस की सैम्पलिंग से लेकर वैक्सीनेशन और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में अपनी सेवाएं दे रहे हैं या यूं कहें कि हालिया हालातों में एन एच एम और जेड सिक्योरिटी के तहत लगे ये स्वास्थ्य कर्मी फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ बनकर उभरे हैं और लगातार अस्पताल से लेकर गांव गांव जाकर कोरोना जांच, वैक्सीनेशन का कार्य कर रहे हैं। ऐसे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थराली में तैनात एनएचएम कर्मी भी अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध स्वरूप बांह पर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जता रहे हैं।
इस विरोध का आज तीसरा दिन है। एक ओर ये स्वास्थ्य कर्मी जहां बांह पर काली पट्टी बांधकर आधे दिन सेवाएं दे रहे हैं। इस समय अकेले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र थराली में कुल 16 स्वास्थ्यकर्मी एनएचएम एवं जेड सिक्योरिटी के तहत अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा पिंडर घाटी के तीनों विकासखंडों में दर्जनों की संख्या में ये कर्मी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें आशा प्रोग्रामर से लेकर स्टाफ नर्स और एक्सरे टेक्नीशियन तक शामिल हैं। कर्मियों का कहना हैं कि 31 मई तक कोई हल न निकलने की सूरत में एनएचएम के तहत लगे स्वास्थ्यकर्मी 1 जून से होम आइसोलेशन में चले जायेंगे ऐसी सूरत में स्वास्थ्य महकमे का कोरोना सैम्पलिंग से लेकर वैक्सीनेशन का कार्य प्रभावित हो सकता है और इसी के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं में भी प्रभाव पड़ने के पूरे आसार बने हुए हैं।
एन एच एम के स्वास्थ्य कर्मी जहाँ वेतन विसंगति और सेवा नियमावली को लागू करने सहित 9 सूत्रीय मांग पर अड़े है, वहीं जेड सिक्योरिटी के तहत लगे कर्मियों को पिछले तीन माह से वेतन ही नहीं मिला है। ऐसे में इन स्वास्थ्यकर्मियों के ऊपर आर्थिक संकट के साथ साथ अपने परिवार का भरण पोषण करने की जिम्मेदारी पर भी संकट आ पड़ा है। एन एच एम और जेड सिक्योरिटी के तहत लगे स्वास्थ्यकर्मियों ने भी दो टूक सरकार को चेताते हुए कहा कि वे अब अपनी मांगों से पीछे हटने वाले नही है।