डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
जब पवनदीप राजन सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए थे। उनके प्रशंसकों के एक साथ कई हाथ उनकी सलामती के लिए उठे थे। दुआएं कुबूल हुई और स्वस्थ होकर पवनदीप राजन ने अपने पहाड़ के गीत से ही अपनी शानदार वापसी की है। पहाड़ की आवाज अब लौट आई है। वो ही भौंण, वो ही मिठास और वो ही प्रभाव, पवनदीप राजन के ओ मेरी सुवा गीत में मौजूद है, जिसके लिए वे जाने जाते हैं। पवनदीप राजन की यह वापसी दमदार है। स्वागतयोग्य है। वेलकम पवनदीप राजन!
पवनदीप राजन के लिए ओ मेरी सुवा गीत पंकज रोरियाल ने लिखा है। पवनदीप ने ही इसका संगीत भी दिया है। इस गाने से उनके गहरे जुड़ाव को इस बात से भी समझा जा सकता है कि उन्होंने इसमें तबला भी प्ले किया है। ओ मेरी सुवा गीत को पवनदीप ने बड़ी शिद्दत से गाया है। उनकी गायिकी की रेंज और स्टाइल गजब की है। इस गाने में खास तौर पर उतार-चढ़ाव के दौरान पता चलता है कि अपनी गायिकी को पवनदीप राजन सचमुच कितनी ऊचाइयों पर ले गए हैं।
इस गीत का सबसे मजबूत पक्ष यकीनन पवनदीप राजन की गायिकी और उनका संगीत हैं, लेकिन गाने का प्रस्तुतिकरण भी बेहतरीन है। स्क्रीन पर नेयो फरस्वाण और रूचि रावत दिखाई दिए हैं। स्क्रीन पर नेयो फरस्वाण का काम भी अपनी अलग छाप छोड़ता है। वह एक बेहतरीन कलाकार के तौर पर तेजी से स्थापित हो रहे हैं। प्यार में जुदाई और इससे तकलीफ के भाव को वह प्राकृतिक रूप से सामने रखते हैं।
धुन पहाड़ की यू ट्यूब चैनल के लिए मैने नेयो से बात की। वह इस बात से बेहद खुश हैं कि पवनदीप राजन जैसे नामचीन गायक ने उनके लिए पाश्र्व गायन किया है। वह अपने को खुशकिस्मत मानते हैं। नेयो खुद भी एक अच्छे सिंगर और कंपोजर हैं। वह कहते हैं-जब आपके लिए एक प्रख्यात गायक प्ले बैक करता है, तो यकीनन, यह बड़ी बात होती है और उत्साहित होना स्वाभाविक है। बकौल, नेयो -नदीप राजन ने चोटिल होने के बाद शानदार वापसी की है। यह भी अच्छी बात है कि वापसी के लिए उन्होंने पहाड़ी गाने को चुना है।
ओ मेरी सुवा कुल मिलाकर एक संपूर्ण गीत है, जिससे जुड़ा हर पक्ष आपको प्रभावित करेगा। पवनदीप राजन अब बडे़ फलक के सितारे हैं, लेकिन वह लौट-लौटकर जब पहाड़ों की तरफ आते हैं, तो अच्छा अहसास होता है। उत्तराखंडी संगीत भी उनकी आवाज को पाकर झूम उठता लेखक विज्ञान व तकनीकी विषयों के जानकार दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।*