फोटो- लोनिवि कार्यालय जोशीमठ।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। पीडब्लूउी कार्यालय को जोशीमठ से स्थानान्तरित किए जाने पर क्षेत्र मंे उबाल आ गया। सीएम को ज्ञापन भेजकर तत्काल आदेश निरस्त करते हुए पूर्ववत स्थिति बहाल करने की मांग की गई है।
सीमान्त नगर जोशीमठ मे बार्डर एरिया व श्री बदरीनाथ धाम के महत्व को समझते हुए साठ के दशक मंे जोशीमठ में लोनिवि का कार्यालय स्थापित हुआ था, जो तब से लेकर अब तक बदस्तूर संचालित हो रहा था, वर्तमान यहॉ दो सहायक अभियंन्ता के साथ पॉच अवर अभियन्ता व कैम्प बाबू सहित अन्य स्टाफ तैनात थे, लेकिन अचानक इस कार्यालय को यहॉ से स्थानान्तरित कर जिला मुख्यालय गोपेश्वर में सिफ्ट कर दिया गया। इसकी भनक लगते हुए क्षेत्र मे भारी आक्रोष ब्याप्त हो गया है।
सीमान्त विकास खंड जोशीमठ के प्रमुख हरीश परमार व ग्राम प्रधानों ने शासन के इस तुगलगी फरमान का जर्बदस्त विरोध करते हुए मुख्य मंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया है। एसडीएम के माध्यम से सीएम को भेजे गए ज्ञापन मे कहा गया है कि जोशीमठ मे स्थित लोनिवि के कार्यालय को हटाना सीमान्त क्षेत्र की उपेक्षा का ताजा उदाहरण है, सीमान्त जनपदा चमोली के सबसे पुराने कार्यालय का स्थानान्तरित किया जाना कदापि उचित नही है। ज्ञापन मे यथाशीध्र स्थानान्तरण आदेश निरस्त करने की मांग की गई है।
जनप्रतिनिधियों द्वारा भेजे गए इस ज्ञापन की प्रति लोनिवि मंत्री, सचिव लोक निर्माण विभाग व डीएम चमोली को भी प्रेषित की गई है। इस ज्ञापन पर क्षेत्र प्रमुख हरीश परमार के अलावा प्रधान संगठन जोशीमठ के अध्यक्ष अनूप नेगी,क्षेपं सदस्य दीपक रावत, थैंग के प्रधान महाबीर सिंह पंवार, गुलाबकोटी के प्रधान जानकी प्रसाद, मोल्टा के विनोद नेगी, किमाणा के मुकेश सेमवाल, व हेलंग के आनन्द लाल आदि के हस्ताक्षर है।
गौरतलब है कि लेोनिवि के जोशीमठ कार्यालय को स्थानान्तरित किए जाने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि बदरीनाथ मास्टर प्लान के लिए जो नया डिवीजन खुला है उसका कार्यालय यहॉ से संचालित होगा। जो किसी के गले नही उतर रहा है, बदरीनाथ मास्टर प्लान के लिए प्रस्तावित उक्त डिवीजन को पांडुकेश्वर व जोशीमठ मे ही अन्यत्र भी खोला जा सकता था, लेकिन सबसे पुराने सब डिवीजन को ही हटा देना कतई उचित नही है।
जनप्रतिनिधियों द्वारा इस मसले का संज्ञान व सीएम को ज्ञापन भेजने के बाद भी यदि स्थानान्तरण आदेश निरस्त नही होता है, तो आने वाले समय यह एक बडे आंन्दोलन का स्वरूप भी ले सकता है, इससे इंकार नही किया जा सकता ।