
थराली से हरेंद्र बिष्ट।
पिछले कुछ दिनों से एक बार फिर से पिंडर घाटी के तीनों वन रेंजों के साथ ही अब लाखों रुपयों की लागत से वन पंचायत के अंतर्गत किए गए वनीकरण के क्षेत्रों में भी दवानल भड़काने लगी हैं। सोमवार को अलकनंदा वन रेंज थराली के अंतर्गत सरकोट गांव में लाखों रुपयों की लागत से किए गए वनीकरण दवानल की भेंट चढ़ जाने के बाद वन पंचायत एवं वन रेंज की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठने लगे हैं।
पिछले तीन माह पूर्व से पिंडर घाटी के आरक्षित वन क्षेत्रों में दवानल भड़काने का जो सिलसिला शुरू हुआ था वह रूकने का नाम नही ले रहा हैं। जंगलों में भड़कने वाली बेमौसमी आग पर नियंत्रण पाने की लाख कोशिशों के बावजूद भी वन महकमा उस पर नियंत्रण नही पा पा रहा हैं। इसके पीछे सब से बड़ा कारण इस शीतकाल में बारिश नही होना माना जा रहा हैं। आरक्षित वन क्षेत्र के बाद अब दवानल ने पौधारोपण वाले क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया हैं। सोमवार को अचानक सरकोट गांव में किए गए वनीकरण में अचानक दवानल भड़क उठी जिससे रोपे गए पौधों को भारी नुकसान पहुंचने का अंदेशा व्यक्त किया जा रहा हैं। सरकोट के पूर्व प्रधान कुंवर सिंह गड़िया ने बताया कि सरकोट गांव के लुटमूला तोक में पिछले सालों वन पंचायत के द्वारा पौधारोपण किया गया था।दवानल के कारण इसे भारी नुकसान पहुंचा है।