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थराली से हरेंद्र बिष्ट।
लंबे समय बाद पिंडर घाटी के ऊंचाई पर बसे गांवों एवं बुग्यालों में हुए हिमपात एवं घाटी क्षेत्रों में बारिश से क्षेत्र का मौसम खुशगवार हो गया है। पिछले एक माह से अधिक समय से सुलग रहें घाटी के जंगलों से उठ रहे धुएं से भी निजात मिल गई है। जिससे वन महकमे ने राहत की सांस ली है।
गत गुरुवार की देर सांय से पिंडर घाटी के ऊंचाई पर बसे घेस, हिमानी, बलाण, पिनाऊ, वांण, कुलिंग, दिदिना, लौहाजंग, मुंदोली, सोरीगाड़, झलिया, रामपुर, तोर्ती, मानमती, कुराड़, पार्था, रणगांव, रुईसाण आदि गांवों के साथ ही आली बुग्याल, वेदनी बुग्याल, बगजी बुग्याल, राजा बुग्याल, डुंगिया बुग्याल, सहित तमाम पहाड़ियों में जम कर बर्फबारी होने से क्षेत्र की बर्फ की सफेद चादर से पट गए हैं। इसके साथ ही घाटी के निचले क्षेत्रों में करीब 2.3 घंटे जम कर बारिश होने के कारण जहां क्षेत्र में ठंड बढ़ गई हैं।वही शुक्रवार को चटक धूप खिलने के कारण क्षेत्र का मौसम खुशगवार हो गया हैं। लंबे समय बाद हुई बारिश से खरीफ की फसलों की तैयारियों में जुटे किसानों ने राहत की सांस ली हैं। हालांकि पिछले 4 महिनों से बारिश ना होने के कारण रवि की फसलों से अपेक्षित उत्पादन ना हो पाने की संभावनाओं के चलते किसानों की निराशा कुछ हद् तक कम जरूर हुई हैं।
लंबे समय बाद ही बर्फबारी एवं बारिश के चलते पिछले एक माह से अधिक समय से सुलग रहे पिंडर घाटी के जंगलों में फैली आग बुझ गई है। जिससे क्षेत्र के वातावरण में फैली धुंध के छट जाने के चलते मौसम काफी अधिक खुशगवार हो उठा है।
फोटो-घेस गांव में हुए हिमपात के बाद का मनोहर दृश्य।