फोटो.हरेला पर्व पर बद्रीनाथ धाम मे वृक्षारोपण करते चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य ममगांई।
बदरीश स्मृति वन में हरेला पर्व के अवसर पर पौधरोपण
कोरोना संकट टलते ही चारधाम यात्रा को गति प्रदान की जायेगी-आचार्य ममगाईं
प्रकाश कपरवान
जोशीमठ, श्री बदरीनाथ धाम। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड तथा वन विभाग, पुलिस, नगर पंचायत बदरीनाथ एवं हक.हकूकधारियों के संयुक्त तत्वावधान में बदरीनाथ धाम स्थित देवदर्शनी के निकट बदरीश वन में पौधरोपण किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगांई ने पौधरोपण की शुरुआत की तथा सावन सक्रांति एवं हरेला पर्व के महत्व पर भी चर्चा की। इससे पूर्व उन्होंने भगवान बदरीविशाल के दर्शन किये तथा सबके सुख.समृद्धि की कामना की। कोरोना संकट से उबरने हेतु भी प्रार्थना की। बताया कि देश में कोरोना महामारी समाप्त होते ही चारधाम यात्रा को गति मिलेगी।
इस अवसर पर आचार्य ममगांईं ने कहा कि शास्त्रों में एक वृक्ष को सौ पुत्रों के समान बताया गया है। प्रकृति की रक्षा से ही जीव जगत सुरक्षित रह सकता है। इस अवसर पर विभिन्न प्रजातियों के डेढ़ सो पौधौं का रोपण किया गया।
प्रातःकाल भगवान बदरीनाथ जी के मंदिर खुलने के साथ रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने मंदिर सिंहद्वार पर पौधों को साक्षी मानकर पूजा की इसके बाद देवस्थानम बोर्ड के कर्मचारी.अधिकारी पौधौं को लेकर बदरीश वन की तरफ रवाना हुए तथा वृक्षारोपण किया गया। उल्लेखनीय है कि बदरीश स्मृति वन में बदरीनाथ दर्शन को पहुंचनेवाले श्रद्धालु अपने पूर्वजों की स्मृति में कई वर्षों से वृक्षारोपण करते है। जिससे पूर्वजों की चिरस्थायी स्मृति बनी रहती है तथा पर्यावरण संरक्षक के प्रति भी जागरूक बनी रहती है।
बदरीश स्मृति वन वृक्षारोपण कार्यक्रम में चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगांई, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीण्डीण्सिंह, उप मुख्य कार्याधिकारी सुनील तिवारी, थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह नेगी, अपर धर्माधिकारी सत्यप्रसाद चमोला, सहायक मंदिर अधिकारी राजेन्द्र सिंह चौहान, प्रबंधक राजेन्द्र सेमवाल, अवर अभियंता गिरीश रावत, दफेदार कृपाल सनवाल, नारायण नंबूदरी सहित बामणी एवं माणा ग्राम, डिमरी पंचायत, पंडा पंचायत के प्रतिनिधि, हक.हकूकधारी वन विभाग एवं नगर पंचायत के अधिकारी. कर्मचारी शामिल हुए।