लीमा गांव से पुष्कर भाटिया
पिथौरागढ़ जिले के लीमाभाट गांव के कन्या जूनियर हाई स्कूल पाठशाला में दूसरे शहरों से घरों को आ रहे प्रवासियों को 14 दिन के लिए क्वारन्टीन में रखा गया है। इस दौरान प्रवासी युवाओं ने खाली समय का बेहतर सदुपयोग करते हुए स्कूल के अहाते में बंजर पड़ी क्यारियों में फूल और फलदार पौधों का रोपण किया और महीनों से बंद पड़े स्कूल को खूबसूरत तरीके से सजा कर हुनरमंद होने का प्रमाण पेश किया है।
पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट तहसील के अंतर्गत जूनियर कन्या हाईस्कूल लीमाभाट में बनाए गए क्वारन्टीन सेंटर में गांव के ही दिल्ली आदि शहरों से लौटे चार युवाओं को रखा गया है। इन युवाओं ने प्रधान कुंदन सिंह भाटिया की देखरेख में स्कूल की दशा ही बदल डाली है। ग्राम प्रधान से प्रेरित होकर चारों युवाओं ने स्कूल परिसर में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देते हुए स्कूल की पेंटिंग के साथ ही क्यारियों को बागवानी से गुलजार कर दिया। क्वारन्टीन किये गए युवकों की इस पहल की लोग सराहना कर रहे हैं। इससे यह भी प्रमाणित होता है कि युवाओं के हाथ हुनरमंद हैं। यदि उन्हें उचित माहौल और समुचित संसाधन मिले तो वे अपने गांव में रहकर भी बेहतर तरीके से स्वरोजगार संचालित कर सकते हैं। जिससे उनकी बेहतर आय हो सके और उन्हें रोजगार के लिए भटकना न पड़े।
जूनियर कन्या हाईस्कूल लीमाभाट में क्वारन्टीन किये गए चार युवाओं ने स्कूल परिसर में बंजर पड़ी जमीन में चारों ओर क्यारियां बनाकर विभिन प्रकार के मौसमी फल आड़ू, अखरोट, माल्टा के पौधे और फूल आदि लगायें है। साथ ही रोज उनकी सिचाई और देखरेख भी कर रहे हैं। क्वारन्टीन किये गए युवा मोहन सिंह, सुनील सिंह, पुष्कर भाटिया और नीरज ने ग्राम प्रधान कुंदन भाटिया के सहयोग से स्कूल का नक्शा ही बदल दिया है। पिछले 10 दिनों से क्वारन्टीन में रह रहे युवाओं ने स्कूल के चारों ओर शानदार क्यारियां बनाकर बागवानी की है। साथ ही इन युवाओं ने भविष्य में भी गांव में उन्नत खेती करने का संकल्प लिया है। इस महामारी के दौर और संकट की घड़ी में बेरोजगार हुए युवाओं ने स्वरोजगार की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं।