चमोली। जिला आपातकालीन परिचान केंद्र से प्राप्त सूचना के अनुसार जिले के बांजबगड़, आलीगांव और लाखी गांव में अतिवृष्टि और आकाशीय बिजली गिरने से अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। चार मकान, एक गोशाला और पांच दुकानें पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 40 बकरियां, दो बैल, एक भैंस, दो गाय और एक बछड़ा मारे गए हैं। लाखी गांव के छैती तोक में मकान ढहने से दबे तीन लोगों के शव बरामद हो चुके हैं।
जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त सूचना के अनुसार घाट के अंतर्गत बांजबगड़ गांव में श्रीमती रूपा देवी पत्नी अब्बल सिंह 35 वर्ष, कु.चंदा पुत्री अब्बल सिंह, 9 मीहीना की अतिवृष्टि से मौत हो गई। आली गांव में कुमारी नौरती पुत्री नैनूराम, 21 वर्ष की मौत हुई है। लाखी गांव में कु.आरती पुत्री शंकर लाल, 8 वर्ष, कु.अंजलि पुत्री शंकर लाल और अजय पुत्र सुरेंद्र लाल 24 वर्ष की मौत हो गई।
एसडीआरएफ, राजस्व विभाग तथा पुलिस फोर्स घटनास्थल पर पहुंच कर राहत बचाव कार्य में जुटा है। स्थानीय लोग भी मदद कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने शोक जताया
देहरादून। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चमोली के घाट में अतिवृष्टि से हुई जनहानि पर शोक जताते हुए मृतकों के परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली को राहत व बचाव कार्य तेजी से करने व प्रभावितों को अनुमन्य आर्थिक सहायता के साथ अन्य राहत तुरंत उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। चमोली प्रशासन से प्राप्त सूचना के अनुसार घटना की जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ, राजस्व व आपदा की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुट गईं। प्रभावित क्षेत्र में राहत सामग्री पहुंचाई गई है।
घूमने गए दो छात्रों के बह जाने की घटना को दुखद बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात में नदियों का जलस्तर कभी भी बढ़ सकता है। उन्होंने लोगों विशेष रूप से युवाओं से अपील की है कि वर्तमान में भारी बारीश को देखते हुए पिकनिक आदि के लिए नदियों, झरनों के समीप न जाएं।