प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। विश्व सांस्कृतिक धरोहर रम्माण का हुआ भब्य आयेाजन, सैकडो की संख्या मे लोग सलूड-डंुग्रा पंहुचे।
पैनखंडा जोशीमठ की सांस्कृतिक विरासत रम्माण का सलूड-डुंग्रा मे भब्य आयोजन हुआ। इसी के साथ विगत 14अप्रैल बैसाखी पर्व से ग्राम भ्रमण पर निकले भूमियाल देवता भी निर्धारित स्थान पर विराजित हुए। रम्माण मेला स्थल पर विगत वर्षो की भाॅति इस वर्ष भी रम्माण मेले का आयोजन हुआ। करीब बारह बजे से शुरू होकर यह रम्माण मेला सायं सात बजे तक अनवरत चलता रहा। इस दौरान राम,लक्ष्मण सीता का नृत्य, सीता स्वंयबर, सीता हरण, व हनुमान दर्शन के बाद मोर-मोरीण नृत्य, बणियाॅ-बणियाॅण नृत्य, माॅल नृत्य के बाद नृंिसह पत्तर-मुखौटा नृत्य का पूरे विधि-विधान व पौराणिक रीति-रिवाज के साथ हुआ। इस दौरान भूमियाल देवता का भी नृत्य हुआ।
पैनख्ंाडा जोशीमठ के सलूड-डुंग्रा मे प्रतिवर्ष रम्माण मेले का आयोजन किया जाता है। बैसाखी पर्व पर ही रम्माण मेले की तिथि घोषित की जाती है। और बैसाखी पर्व 14अपै्रल से लगातार भूमियाल देवता गाॅव भ्रमण पर रहते है। और रम्माण के बाद अगले एक वर्ष के लिए भूमियाल देवता गाॅव मे ही निर्धारित स्थान पर विराजमान होते है। रम्माण मेले को लेकर पूरे क्षेत्र मे भारी उत्साह रहता है। इस वर्ष भी पैनख्ंाडा के विभिन्न क्षेत्रों के अलावा जनपद चमोली व अन्य क्षेत्रो के लोग भी बडी संख्या मे सलूड पंहुचे थे। इनके अलावा सांस्कृतिक विरासत पर रिसर्च करने वाले छात्र-छात्राएं भी सलूड पंहुचे थे।
मेले का मुख्य आकर्षण माॅल नृत्य रहा, चार जोडे ढोल-दमाऊ की थाप पर हुए माॅल नृत्य को देख मेला स्थल पर पंहुचे लोग अभिभूत हो गए। ढोल के 18तालो पर 18मुखौटो के नृत्य की
यह सांस्कृतिक धरोहर विश्व पटल पर अंकित हो चुकी है। वर्ष 2009 मे रम्माण को यूनेस्को द्वारा विश्व अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सूची मे शामिल किए जाने के बाद रम्माण का प्रदर्शन न केवल गणतंत्र दिवस परेड मे ब्लकि राष्ट्रीय व अंर्तराष्ट्रीय कार्यक्रमों मे भी हो चुका है।
लगभर पाॅच सौ साल पुरानी मुखौटा शैली मे नृत्य द्वारा रामलीला मंचन की पैनंखडा की रम्माण को विश्व पटल तक पंहुचाने मे अहम भूमिका अदा करने वाले रम्माण के समन्वयक डा0 कुशल भंडारी ने मेले के दौरान मंच संचालन करते हुए सलूड-डुंग्रा गाॅव से यूनेस्को तक रम्माण के सफलता पूर्वक पंहुचने की विस्तार से जानकारी दी। उन्होने आंगतुक अतिथियों का रम्माण मेला आयोजन समिति, सलूड-डुंग्रा व डुंग्री-बरोसी गाॅवों की ओर से माल्यापर्ण व शाॅल ओढाकर सम्मानित किया।
रम्माण मेले के दौरान पर्वतारोहण एंव स्कीइंग संस्थान आईटीबीपी औली के डीआईजी गंभीर ंिसह चैहान द्वारा संस्थान की ओर से पीतल का एक घंटा चढाया गया। जिसे पुजारी द्वारा शुद्धिकरण कर मंदिर मे रखा गया।
विश्व सांस्कृतिक धरोहर रम्माण मेले के अवसर पर जोशीमठ के एसडीएम वैभव गुप्ता , एनटीपीसी की विघुत परियोजना का वैराज निमार्ण कर रही ऋित्विक कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राकेश डिमरी,खंड विकास अधिकारी रमेश चंद्र, समाज सेवी ज्योतिष घिल्डियाल सहित बडी सख्ंया मे लोग मौजूद थे।