रिपोर्ट-सत्यपाल नेगीध्रुद्रप्रयाग
रुद्रप्रयाग विधानसभा में जहाँ कॉग्रेस एक ओर जीत के लिए ताकत लगाने की सोच रही है, तो वहीं टिकट ना मिलने से एक धड़ा नाराज नजर आ रहा है, और बीते रोज उन्होंने बकायदा प्रेस में बगावती संकेत दे दिये।
आपको बता दे कि कॉग्रेस पार्टी में वैसे रुद्रप्रयाग सीट से कई नाम सामने आये थे। मगर हाई कमान के पैनल पर तीन ही नामों पर चर्चा हुई, जिसमें पूर्व मंत्री वरिष्ठ नेता मातबर कंडारी, 2017 में कॉग्रेस की विधान सभा प्रत्याशी रही सुश्री लक्ष्मी राणा व जखोली के प्रमुख प्रदीप थपलियाल शामिल थे।
कॉग्रेस ने कॉफी मंथन के बाद वर्तमान जखोली प्रमुख प्रदीप थपलियाल पर विश्वास करते हुए उनके नाम टिकट दे दिया।
जैसे ही प्रदीप थपलियाल का टिकट घोषित हुआ तो वही मातबर कंडारी, लक्ष्मी राणा, अंकुर रौथाण सहित कुछ अन्य लोगों ने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिये ओर मातबर कंडारी को निर्दलीय प्रत्याशी लड़वाने की ठान ली ओर आज मातबर कंडारी ने नामांकन पत्र लेकर पूरे.पूरे संकेत दे दिये हैं, चुनाव लड़ने के।
आपके संज्ञान मे यह भी डालते चले कि पूर्व मातबर कंडारी मूल रूप से टिहरी घनसाली क्षेत्र के रहने वाले हैं ओर वर्तमान में देहरादून रहते हैं।कंडारी पहले भाजपा से लगातार 15 साल विधायक रहे थे, मगर 2012 में उन्हें अपने ही साडू भाई कॉग्रेस के हरक सिह रावत साथ हार झेलनी पड़ी थी। उसके बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ कॉग्रेस का हाथ थामा।
हालांकि रुद्रप्रयाग में अब लोग उनकी बढ़ती उम्र के हिसाब से ज्यादा पसन्द नहीं करते दिख रहे हैं।
मगर कॉग्रेस पार्टी में अक्सर ऐसा होना आम बात रही है, अब देखना होगा कि मातबर कंडारी गुट राजनीति को क्या मोड़ देते है। कब अपना नामांकन दाखिल करते हैं।