रिपोर्ट-सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए संचालित हो रहे घोड़े-खच्चर जिसमें ऐसे घोड़े.खच्चर हैं, जो बीमार/घायल हैं एवं बिना लाईसेंस के संचालित किए जा रहे हैं। इसके नियमित निगरानी के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में जांच टीम गठित की गई है। जिनके द्वारा नियमित रूप से यात्रा मार्ग से संचालित हो रहे घायल/बीमार जो भार ढोने में असमर्थ हैं तथा बिना लाईसेंस के संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों की टीम द्वारा निरंतर जांच की जा रही है।
वही इस बात की जानकारी देते हुए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष रावत ने बताया कि 05 जून को टीम द्वारा यात्रा मार्ग पर निरीक्षण किया जा रहा है तथा डॉक्टरों द्वारा घायल/बीमार घोड़े.खच्चरों का नियमित उपचार किया जा रहा है। जिसमें 61 पशुओं की चिकित्सा की गई है। अब तक 1662 घोड़े.खच्चरों का चिकित्सीय परीक्षण किया जा चुका है।उन्होंने बताया कि कल 4 पशुओं की मृत्यु हुई अब तक 131 घोड़े.खच्चरों की मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने अवगत कराया है कि कल 610 पशुओं का निरीक्षण किया गया तथा अब तक कुल 4885 पशुओं का निरीक्षण किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि टीम द्वारा 11 पशु मालिकों का चालान किया गया है अब तक 73 लोगों के चालान किए गए हैं। यात्रा मार्ग में संचालन के लिए ब्लॉक किए गए पशुओं की संख्या 42 अब तक टीम द्वारा 339 पशुओं को यात्रा मार्ग में प्रतिबंधित/ब्लॉक किया गया है। कल 02 पशु स्वामियों के विरुद्ध पशु क्रूरता अधिनियिम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। अब तक कुल 09 पशु स्वामियों के विरुद्ध पशु क्रूरता अधिनियम के तहत एफआईआर प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान पशुओं हेतु स्थापित पानी की चरियों की सफाई व्यवस्था भी सही पाई गई है।