उत्तरकाशी के भाटिया गांव की विधवा सुचिता के सहयोग के लिए बढे हाथ। पलेठा गांव की स्मृति सिलवाल जो हाल ही में सिल्वर स्क्रीन पर जगह बना चुकी है ने अभी अभी मुम्बई से सम्पर्क किया कि वे सुचिता का सहयोग करना चाहती है पर वह इस बावत किससे सम्पर्क करेगी। वह जानना चाह रही है कि मौजूदा हालात सुचिता के कैसे हैं। दिनेश कण्डवाल जो वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक है साथ साथ पत्रकार, विचारक हैं ने भी सुचिता के सहयोग की इच्छा जाहीर की है। वे सुचिता को अपने घर पर काम देंगे साथ साथ उसके बच्चों की परवरीश भी करेंगे। सहारा टीबी देहरादून में कार्यरत पत्रकार विकास चैहान ने भी सुचिता को सहयोग देने को कहा।
– नौगांव विकास खण्ड के ग्राम भाटिया निवासी सुचिता देवी की कहानी बहुत ही दुखभरी है। दरसल भाटिया निवासी आनन्द कुमार की दो शादियां थी। पहली पत्नी निर्मला की दूसरे बच्चे को जन्म देने के चार दिन बाद मृत्यु हो गई थी। उसके पति आनन्द कुमार की भी 14 दिसम्बर 2018 को अचानक मृत्यु हो गई। दो सौतेले व एक अपना दो वर्षीय बच्चा सुचिता के भरोसे छूट गए। विधवा सुचिता के पास न तो रहने को आवास है व न ही कृषि भूमि। पति की मौत के बाद कुछ समय गांव वालों ने राशन इकट्ठा कर सुचिता की मदद की। साथ ही पंचायत चौक में एक लकड़ी का खोखा बनाकर उसे आसरा दिया, लेकिन इस महंगाई के जमाने सुचिता को तीन बच्चों सहित अपना पेट पालना मुश्किल हो रहा है।
सुचिता का कहना है कि फरवरी 2019 में विधवा पेंशन के लिए भी आवेदन किया था लेकिन अभी तक वह भी नही मिली।
नौगांव के सहायक समाज कल्याण अधिकारी सुनील रावत से सुचिता की विधवा पेंशन के बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि सुचिता का आवेदन ऑनलाइन हो गया है। शीघ्र ही पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी। बहरहाल भूमिहीन, आवासहीन सुचिता की जिंदगी गुजर बसर करना काफी मुश्किल हो रही है।
लेकिन उसे आशा है कि उम्मीद की किरण उस तक पहुंचेगी ।उसकी आवाज आवाम तथा जन सरोकारों तक पहुंचेगी और उसके सहयोग,सहायता के लिए हाथ बढेंगे।
प्रेम पचोली की फेसबुक वाॅल से