सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
रुद्रप्रयाग। तल्लानागपुर विकास संघर्ष समिति के द्वारा क्षेत्र के लिए की गई पूर्व सरकारो.मुख्यमन्त्रियों की घोषणाए. तल्लानागपुर मे महा विद्यालयएपृथक तहसीलएएएनएम ट्रेनिग सेंटरए20 बेड के अस्पतालएपेयजल पंपिग योजना फेस.2एके आदेश जारी किये गये थेएजो कि आजतक धरातल पर ना उतारने को लेकर 12 अगस्त से आंदोलित थे।साथ ही 25 अगस्त से जन आंदोलन शुरू किया जाना तय था।
आंदोलन शुरू करने से पहले संधर्ष समिति ने निर्णय लिया किया वे मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रीयो से मिलकर अपनी माँगे रखे।जिसके लिए एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री एवं अनेक मंत्रियों से मुलाकात की और आश्वासन के बाद तल्लानागपुर में चल रहा ग्रामीणों का आंदोलन फिलहाल स्थगित हो गया।

संघर्ष समिति से जुड़े पदाधिकारियों ने कहा कि 29 अगस्त को क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया जाएगा जिसमें भविष्य की रणनीति तैयार की जाएगी। तल्लानागपुर विकास संघर्ष समिति ने क्षेत्र के सभी ग्राम पंचायतों, महिला मंगलदलों, युवक मंगलदलों सामाजिक संगठनों सेवानिवृत बुद्धिजीवियों, सभी राजनीतिक दलों के समर्थकों से भी अपील की है कि दल गत राजनीति से उठकर क्षेत्र हित मे 29 अगस्त को बैठक मे पहुँच कर अपना समर्थन दे।
देहरादून से लौटने के बाद संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूरण सिंह नेगी, पूर्व कै दलवीर सिंह राणा, सामाजिक कर्ता लक्ष्मण सिंह बर्त्वाल, मीडिया प्रभारी दीप सिंह राणा एवं समाजसेवी महेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों द्वारा संबंधित विभागों के अफसरों को सरकार की घोषणाओं पर कार्रवाई और क्षेत्रीय लोगों की मांगों को शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया गया।
शिष्टमंडल में भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश उनियाल के साथ ही रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी, पूर्व विधायक आशा नौटियाल भी मौजूद थे।

वही दूसरी तस्वीरे भी सामने आने से क्षेत्र के लोगों मे नाराजगी दिखाई दीएआम लोगों का कहना है कि जब तल्लानागपुर विकास संघर्ष समिति के बैनर तले शिष्टमंडल मुख्यमंत्री जी से मिलने को चिन्ह्ति किया गया तो कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ एंव राजनीतिक पहिचान दिखाने के चक्कर मे शिष्टमंडल के बिना ही मुख्यमंत्री से मिले, जो कि राजनीति से प्रेरित है। जबकि तल्लानागपुर विकास संघर्ष समिति ने पहले ही साफ कर दिया था कि क्षेत्र के विकास विकास मे राजनीति बीच ना आये।
हालांकि पूर्व विधायक शैलारानी रावत ने 12 अगस्त को चोपता मे एक दिवसीय जन आंदोलन मे पहुचकर शिष्टमंडल के साथ मुख्यमंत्री से मिलने का भरोसा दियाएमगर देहरादून पहुचते ही वे बिना शिष्टमंडल के ही पार्टी के कुछ लोगों के साथ मुख्यमंत्री को मिली। संघर्ष समिति के सदस्यो का कहना है कि चंद लोगों के गुमराह करने से पहले पूर्व विधायक जी को गम्भीरता से समझ लेना चाहिए था कि इतनी दूर से शिष्टमण्ड पहुचा हैएतो हम सभी एक साथ क्यो नही मिले मुख्यमंत्री से। हालाकि सामाजिक लोगों व क्षेत्र के विकास के लिए निस्वार्थ जुड़े लोग इससे नाराज है ओर सभी का कहना है कि जन मुद्दोंव जनांदोलनों मे राजनीति को बीच मे नही आने दिया जायेगा।क्षेत्र विकास के लिए सब एक जुट होकर ईमानदारी से संघर्ष करे।












