
थराली से हरेंद्र बिष्ट।
सीमांत जिला चमोली के अंतर्गत आधे दर्जन से अधिक ब्लाकों का मुख्य अस्पताल उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग से दो विशेषज्ञ डाक्टरों का स्थानान्तरण किए जाने पर इन ब्लाकों के जनता में रोष बढ़ने लगा हैं। लोगों का कहना हैं कि तत्काल स्थानांतरण नही रोके गयें तो राज्य सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
चमोली जिले के 9 ब्लाको में से 7 ब्लाकों देवालए थरालीए नारायणबगड़, गैरसैण, नन्दानगर, दशोली एवं पोखरी की जनता को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा के लिए कर्णप्रयाग में राज्य सरकार ने एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना की थी। बाद में इसी चिकित्सालय का उच्चीकरण कर उप जिला चिकित्सालय बना दिया गया। किंतु इसके बाद भी आज तक भी अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। अस्पताल में आज भी स्वीकृति के विरुद्ध कई डॉक्टरों के विभिन्न पद रिक्त पड़े हुए हैं। बावजूद इसके इस अस्पताल से दो विशेषज्ञ डॉक्टरों के तबादले की खबरें लगातार आ रही हैं। जिससे कर्णप्रयाग सहित लाभान्वित होने वाले अन्य ब्लाकों में आक्रोश फैलने लगा है।
बकायदा इसके विरोध में तो गत दिनों कर्णप्रयाग क्षेत्र के लोगों ने विशेषज्ञ चिकित्सकों के ट्रांसफर के विरोध में प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए चेतावनी तक दे डाली है कि अगर विशेषज्ञ डॉक्टरों का तबादला नहीं रोका गया तो पूरे क्षेत्र के लोगं इसके विरोध में उग्र आंदोलन छेड़ने के लिए मजबूर होंगे। इस संबंध में गत दिनों बकायदा क्षेत्रीय जनता ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को भी एक ज्ञापन सौंपा है। कर्णप्रयाग नगर जहां उक्त सातों ब्लाकों के माध्यम में बसा हुआ है। ऐसे में यहां से दो विशेषज्ञ डाक्टरों का ट्रांसफर कर दिये जाने की सूचना प्रसारित होने के बाद आक्रोश का फैलना लाजमी भी इसके ऊपर पूरे जिले में बेहतरीन सर्जन का अभाव आम एवं गरीब लोगों को लंबे समय से परेशान किए हुए हैं। यही नही सातों ब्लाकों में स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डाक्टरों का नितांत आभाव होने के कारण यें चिकित्सालय पूरी तरह से रेफर सेंटर बनें हुए हैं।
1992 से निर्विवाद रूप से पूरे जिले में वरिष्ठ सर्जन के रूप में सेवा कर रहे डॉ राजीव शर्मा का पदोन्नति कर अन्यत्र भेजे जाने का शासन स्तर पर प्रयास जारी हैं। यहां पर यह उल्लेखनीय हैं कि डॉ शर्मा की पत्नी उमा शर्मा भी बतौर जानी.मानी महिला चिकित्सक के तौर पर इसी चिकित्सालय में कार्यरत हैं ऐसे में माना जा रहा हैं कि देर.सवेर शासनादेशों के अनुरूप उनका भी ट्रांसफर तैय हैं ऐसी स्थिति में पूरे जिले में वरिष्ठ महिला चिकित्सक की कमी होना का खतरा बना हुआ हैं।वही 2007 से डॉ हरीश चंद्र थपलियाल बतौर दंत चिकित्सक के रूप में कर्णप्रयाग में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं।
उनका भी इस अस्पताल से जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में ट्रांसफर कर दिया हैं। जिलें के तीनों विधानसभा क्षेत्रों का भी कर्णप्रयाग मुख्य पड़ता हैंए बावजूद इसके एक विधानसभा क्षेत्र की जनता को ही लाभान्वित करने वाले गोपेश्वर जिला चिकित्सालय में उनका ट्रांसफर कर दिया जाना किसी के गले नही उतर रहा है। यूं भी डॉ थपलियाल की अकेले ही 14 वर्षों से अधिक समय की सेवा में कर्णप्रयाग अस्पताल जो कि दुर्गम में माना जाता है तो उनका दावा सुगम के किसी अस्पताल के लिए बनता है। किंतु इन सब को दरकिनार कर उनका ट्रांसफर गोपेश्वर कर दिया जाना किसी के गले नही उतर रहा है।












