थराली से हरेंद्र बिष्ट।
तीन दिनी प्राचीन देवाल कौथीग के दूसरे दिन राज्य के प्रसिद्ध रंग मंचों के रंगकर्मियों के नाम रही।
इस मौके पर भारी संख्या में जन समुदाय मौजूद रहा। देवाल कौथीग की द्वितीय सांस्कृतिक संध्या के दौरान लोक गायक दर्शन फर्स्वाण के द्वारा जय मां नंदा, भावानी कैलाशो की जात… सौरभ मैठाणी के द्वारा तू रेंदी, तू रेंदी माता ऊंचा पहाड़ों मां…, सहित तमाम लोक भजनों की प्रस्तुति पर उपस्थित जन समुदाय झूम उठा, तो वहीं गायिका रेनू डोभाल के द्वारा प्रस्तुत हाई कखड़ी झील मां, नूण पीस सीले मां, सहित अन्य गायकों के द्वारा प्रस्तुत गीतों पर जन समुह जम कर थिरका। इस मौके पर नीलेश्वर डांस ग्रुप बागेश्वर सहित अन्य कई लोक गायकों ने अपनी प्रस्तुतियों से पूरी रात समां बांधे रखी।











