उरगम घाटी जोशीमठ चमोली पैन खंडा हिमालय के मध्य जोशीमठ के ठीक सामने एक पहाड़ी पर बसा हुआ लगभग 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है चाँई गांव। इस गांव की विशिष्ट पहचान सीता माता के मंदिर से जानी जाती है, एक पहाड़ी ढलाननुमा परिक्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान के लिए जाना जाता है। 70 वर्षों के बाद विश्वकर्मा जागरण का आयोजन यहां के लोगों के द्वारा किया गया।
विश्वकर्मा जागर एक सामाजिक समरसता का प्रतीक भी है। जहां पर सभी देवी देवता आकर के नृत्य एवं गायन करते हैं। अवतारी पुरुषों के द्वारा अपने-अपने निशानों से कटार लिया जाता है और मेले को और रोचक बनाने के लिए लोक नृत्य जो मेले में दाकुडी झुमेलो गाए जाते हैं। चार पहर रात्रि को यहां भव्य लोक जागर का गायन किया गया। विश्वकर्मा के द्वारा कटार लिए गए प्रभात के समझ में राजभोग दिया गया। उसके बाद सभा भोग दिन के समय विश्वकर्मा को दिया गया। दूर-दूर से आए हुए माता बहनों को प्रसाद ग्रहण कराया गया। उसके बाद मेले में आइए सभी अतिथियों का स्वागत सत्कार किया गया।
आज मेले में क्षेत्रीय विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट ने भी मेले में शिरकत की। उन्होंने कहा कि मेले हम सब लोगों के मिलन के आधार होते हैं। इससे पूर्व दिन पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र सिंह सिंह भंडारी भी मेले में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि यदि मैं विधायक बना तो मैं गांव के सीता मंदिर व विश्वकर्मा मंदिर का सुंदरीकरण करवाऊंगा। इसके अलावा यहां पर मेले में कंस वध की प्रक्रिया पूरी की जाती है। भगवान कृष्ण के द्वारा हल चलाया जाना भाई बलदेव के द्वारा एक पक्षी के रूप में संकेत करना कि कहां है कंस छुपा हुआ है। उसी स्थान पर कंस को फाडा देना भगवान कृष्ण के द्वारा किया जाता है। अंतिम समय में कंस हाय राम कहता है। उसे मोक्ष देते हैं भगवान। भगवान के वाहन गरुड़ यहां दर्शन देते हैं। नाग लोक से पय्याँ पाती लाने की रस्म दिखाया जाता है। यही सब प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाती है। यहीं से मेला संपन्न हो जाता है। विदाई विश्वकर्मा सबकी करते हैं। पुनर्मिलन की आशा के साथ मेला संपन्न हो जाता है।
मेले में जोशीमठ विकासखंड के विभिन्न गांव के लोगों ने भाग लिया। सैकड़ों की तादात में यहां लोग उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की भूमिका 10 गांव के विश्वकर्मा के देवता एवं जाट देवता होते हैं। जो मेले की शुरुआत करते हैं। वर्तमान समय में विधानसभा 2022 के चुनाव के मध्य नजर नेता लोग अपनी.अपनी झोली लेकर भी पधारे थे। उन्हें जैसे ही मौका मिला, उन्होंने राजनीतिक बातें करने से भी बाज नहीं आए। कांग्रेस भाजपा आम आदमी पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल के प्रतिनिधि भी यहां पहुंचे थे।
लक्ष्मण सिंह नेगी स्वतंत्र लेखक एवं समाजसेवी