थराली से हरेंद्र बिष्ट।
उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में 1992 से तैनात वरिष्ठ सर्जन डॉ राजीव शर्मा का ट्रांसफर अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं बद्रीनाथ के पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी ने कहा कि लग रहा हैं कि डॉ शर्मा का ट्रांसफर राजनीति से प्रेरित होकर किया गया है। किंतु इस का खामियाजा पूरे सीमांत जिला चमोली की गरीब जनता को भुगतना पड़ेगा।
दरअसल गुरुवार को सर्जन डॉ शर्मा का ट्रांसफर उप जिला चिकित्सालय ऋषिकेश के लिए कर दिया गया है। जिससे पूरे चमोली जिले में उबाल आने की संभावना है। इसके ऊपर डाक्टरों एवं विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी से बुरी तरह जूझ रहे चमोली जिले से एक साथ विशेषज्ञ डाक्टर सहित कुल तीन डाक्टरों का ट्रांसफर किया गया है, जबकि प्रतिस्थानी के रूप में मात्र एक डाक्टर भेजा गया है। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र भंडारी ने कहा कि भाजपा सरकार जिला चमोली की खुली उपेक्षा कर रही है। ताजा उदाहरण डॉ शर्मा का ट्रांसफर आदेश है।
उन्होंने कहा कि यूं ही जिले के लोग विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं, इसके ऊपर पिछले तीन दशकों से बिना किसी भेदभाव एवं राजनीतिक विद्वेष के जनता की सेवा कर रहे डाक्टर का चुनाव आचार संहिता की आड़ लेकर ट्रांसफर कर दिया जाना इस जिले की गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों को समय से पहले मार देने का प्रयास है। जिसे किसी कीमत पर सहन नही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यूं भी डाक्टरी पेशा चुनाव आचार संहिता से परें हैं। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि एक ओर सर्जन शर्मा का ट्रांसफर चुनावों की आड़ में गया हैं।वही उनकी पत्नी डॉ उमा शर्मा जोकि 1994 से कर्णप्रयाग में ही रहते हुए यहां की महिलाओं एवं बच्चों की सेवा कर रही हैं उनका ट्रांसफर नही किया जाना गले नही उतर रहा हैं। उन्होंने दोहराया कि डॉ शर्मा का ट्रांसफर पूरी तरह से राजनीतिक प्रेरित हैं। उन्होंने तत्काल जनहित में डॉ शर्मा का ट्रांसफर निरस्त कर उन्हें कर्णप्रयाग में ही बनाएं रखने की मांग करते हुए कहा कि ऐसा नही करने पर मजबूरन कांग्रेस पार्टी को भी आम जनता के साथ सड़कों पर उतरना पड़ेगा।