ननिहाल में पूरे विधिविधान से हुआ भगवती नंदा का स्वागत
हरेंद्र बिष्ट से हरेंद्र बिष्ट।
बधांण की नंदा भगवती का अपार श्रद्धा एवं एतिहासिक उत्सव डोली पिछले 20 दिनों तक 350 किमी से अधिक दूरी की पैदल यात्रा तय कर आखिरकार 6 माह के प्रवास के लिए सिद्धपीठ देवराड़ा के मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गया है।अब आने वाले 6 माह तक बधांण सहित अन्य क्षेत्रों के नंदा भक्त अपनी लाडली ध्याणी की पूजा अर्चना नंदा का ननीहाल माने जाने वाले देवराड़ा में कर सकते हैं।
पिछले 22 अगस्त को नंदा सिद्धपीठ कुरूड़ से नंदा भगवती की कैलाश यात्रा शुरू हुई थी। जोकि घाट, थराली एवं देवाल विकासखंडों के दर्जनों गांवों से होते हुए 3 सितंबर को वेदनी बुग्याल पहुंची थी। जहां पर नंदा की जात लगाने एवं नंदा भगवती को कैलाश विदा कर देने के बाद उत्सव डोला 6 माह के लिए नंदा सिद्धपीठ देवराड़ा में प्रवास के लिए लौट पड़ा था। वापसी के 7 पड़ाओं को पर करने के बाद आज देवराड़ा पहुंच कर सिद्धपीठ के मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गई हैं।इस मौके पर पिंडर घाटी के साथ ही कुमाऊं की कत्यूर घाटी के सैकड़ों नंदा भक्त मौजूद थे।
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शनिवार की नंदा का उत्सव डोली को वापसी के सातवें पड़ाव ढुगाखोली से उंग, ब्लाक कार्यालय, थराली लुवर बाजार, अपर बाजार से होते हुए दोपहर के भोजन के लिए भेटा गांव पहुंची इसके बाद यात्रा जनधारी नगर होते हुए देर सांय देवराड़ा स्थित नंदा मंदिर परिसर में पहुंची, जहां विधि.विधान के साथ नरेश गौड़, योगेश गौड़, सतीश गौड़, अनसुया प्रसाद गौड़, विजय गौड़, किशोर गौड़ आदि के द्वारा किए गए मंत्रोच्चारण के बीच उत्सव डोली को गर्भगृह में विराजमान करवाया। इससे पहले मंदिर परिसर में कई महिला, पुरूषों पर नंदा सहित अन्य देवी देवता अवतारित हुए जिन्होंने देर तक देवनृत्य किया।
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सिद्धपीठ देवराड़ा मंदिर के गर्भगृह में उत्सव डोली कोश विराजमान करने के मौके पर बार एसोसिएशन थराली के अध्यक्ष डीडी कुनियाल, थराली नगर पंचायत अध्यक्ष दीपा भारती, देवाल के कांग्रेसी नेता लखन रावत, लोल्टी तुंगेश्वर व्यापार संघ अध्यक्ष धनराज रावत, पूर्व जिपंस महेश त्रिकोटी, अब्बल सिंह सहित तमाम नेताओं एवं श्रद्वालुओं ने अगवानी की।