पिथौरागढ़ जिले के एक छोटे से गांव की बेटी ने उत्तराखंड सीनियर महिला क्रिकेट टीम में हरफनमौला खेल दिखाकर सबका दिल जीत लिया। उत्तराखंड और अरुणांचल प्रदेश के बीच चल रहे लीग मुकाबले में उत्तराखंड की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया।
टीम ने निर्धारित 50 ओवर में राधा चंद के नाबाद 104 रनों की बदोलन 300 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया, जिसके जवाब में अरुणांचल की टीम पूरी टीम 35.2 ओवर में 75 रन पर ढ़ेर हो गई। अरुणाचल के आखिरी 6 खिलाड़ी खाता भी नहीं खोल सके, उत्तराखंड को बड़ी जीत की दरकार थी वह मिल गई, इस जीत के बाद उत्तराखंड खेल महकमा काफी खुश है।
अपने ग्रुप में उत्तराखंड की टीम 28 अंको के साथ पहले स्थान पर पहुँच चुकी है। हालाँकि पांडिचेरी और मेघालय के बीच चल रहा मुकाबला क्वाटर फाइनल के लिए उत्तराखंड की राह तय करेगा, हाल यह है कि दोनों टीमों में से जो भी जीतेगी उसके पॉइंट भी उत्तराखंड के बराबर हो जायेंगे, दोनों टीमें रन रेट के मामले में उत्तराखंड से आगे हैं..ऐसे आज का मैच बड़े अंतर से जीतना जरूरी था लेकिन अब देखना होगा कि कोन सी टीम बाजी मारती है। उत्तराखंड की महिला टीम ने अपने 8 मुकाबलों में से 7 मुकाबलों में जीत दर्ज की।
पिथौरागढ़ की राधा ने बेटिंग और बोलिंग में किया कमाल-
जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर धारीगाड़ निवासी राधा चंद ने 104 रनों की नाबाद पारी खेली, उन्होंने इस पारी में 75 गेंदों का सामना किया और 13 चैके लगाए। खास बात ये थी कि राधा सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरी थी, उस वक्त उत्तराखंड को 124 रन पर 5 विकेट का नुक्सान हो चूका था, लेकिन उसके बाद उत्तराखंड की टीम ने 300 का विशाल स्कोर भी खड़ा कर दिया। इतना ही नहीं इसके बाद बोलिंग में भी राधा ने अरुणांचल प्रदेश के 2 खिलाडियों का चलता कर दिया। उन्होंने 5 ओवर फेंककर सिर्फ 5 रन खर्च किये और 2 विकेट चटकाए।
बता दें कि राधा ने प्रारंभिक शिक्षा गांव से पूरी की बचपन से ही क्रिकेट के प्रति लगाव था। पढ़ाई के साथ-साथ राधा क्रिकेट में भी सक्रिय रही। स्पोर्ट्स कालेज की स्टूडेंट राधा इससे पहले भी हरियाणा की ओर से राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर चुकी है।
19 वर्षीय राधा के पिता चंद्री चंद आसाम राइफल्स में तैनात हैं। जिस हौसले से उन्होंने खेल खेला है अभी तक वो तारीफ के काबिल है, राधा अच्छी बेटिंग के साथ शानदार गेंदबाजी भी करती हैं। ऐसे खिलाडियों की टीम में हमेशा जरूरत रहती है।